बजट के बाद भारत के खेतों से आई अच्छी खबर

बजट के बाद भारत के खेतों से आई अच्छी खबर

सर्दियों की फसलों की बुवाई खत्म होने के साथ ही फसल साल 2022-23 (जुलाई-जून) के रबी सत्र में गेहूं की बुवाई का कुल क्षेत्रफल पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले मात्र 1.39 लाख हेक्टेयर बढ़कर 343.23 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) हो गया है. शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. मुख्य रबी (सर्दियों) की फ़सल, गेहूं की बुवाई अक्टूबर में प्रारम्भ होती है और मार्च/अप्रैल में कटाई होती है. चना और सरसों इस मौसम में उगाई जाने वाली अन्य प्रमुख फसलें हैं.

आंकड़ों से पता चलता है कि फसल साल 2022-23 के रबी सत्र में सभी रबी फसलों का कुल बुवाई रकबा एक वर्ष पहले की समान अवधि के 697.98 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 720.68 लाख हेक्टेयर हो गया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रबी फसलों की खेती में वृद्धि की सराहना करते हुए कहा, ‘‘यह हमारे मेहनतकश किसान भाइयों और बहनों, कृषि वैज्ञानिकों और नरेंद्र मोदी गवर्नमेंट की किसान हितैषी नीतियों के संयुक्त प्रयासों का रिज़ल्ट है.’’

मंत्रालय द्वारा जारी आखिरी आंकड़ों के अनुसार, चालू फसल साल में तीन फरवरी तक गेहूं का रकबा बढ़कर 343.23 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 341.84 लाख हेक्टेयर था. बुवाई का रकबा राजस्थान में 2.52 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1.03 लाख हेक्टेयर, बिहार में 94 हजार हेक्टेयर और यूपी 93 हजार हेक्टेयर रहा है. धान के मुद्दे में, इस साल के रबी सत्र में खेती के रकबे में 46.25 लाख हेक्टेयर पर तेज वृद्धि हुई है, जबकि एक वर्ष पहले की समान अवधि में यह रकबा 35.05 लाख हेक्टेयर था.

तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में धान खेती के रकबे में अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई है. मंत्रालय ने बयान में बोला कि धान खेती के रकबे का रुख अन्य कम पानी खपत वाले तिलहनों, दालों और पोषक अनाज वाली फसलों की ओर मोड़ा जा रहा है. इस वर्ष रबी सत्र में दलहन की बुवाई का रकबा हल्की बढ़कर 167.86 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक वर्ष पहले की समान अवधि में यह 167.31 लाख हेक्टेयर था. जिसमें से, चना खेती का रकबा एक वर्ष पहले की समान अवधि की तुलना में 2.16 लाख हेक्टेयर घटकर 112.01 लाख हेक्टेयर रह गया.

मंत्रालय ने बोला कि तिलहन के मुद्दे में, इस वर्ष के रबी सत्र में बुवाई का हल्की बढ़कर 109.84 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक वर्ष पहले की समान अवधि में यह 102.36 लाख हेक्टेयर ही था. इसमें से तोरिया-सरसों का रकबा 98.02 लाख हेक्टेयर का है. तिलहन खेती के रकबे में वृद्धि में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का प्रमुख सहयोग है. पोषक मोटे अनाजों की बुवाई का रकबा भी पहले के 51.49 लाख हेक्टेयर की तुलना में हल्की बढ़कर 53.49 लाख हेक्टेयर हो गया.