MP में 18 साल तक बीजेपी सत्ता के बावजूद जनता ने भाजपा को दिया भारी बहुमत
मध्य प्रदेश न्यूज डेस्क !! मध्य प्रदेश में भाजपा एक बार फिर सत्ता में आ रही है। 18 वर्ष तक सत्ता में रहने के बावजूद राज्य की जनता ने बीजेपी को भारी बहुमत दिया है। इसकी सबसे बड़ी वजह शिवराज सिंह चौहान की ‘लाडली ब्राह्मण’ योजना बताई जा रही है। आइए जानते हैं भाजपा की जीत के 10 बड़े कारण क्या हैं।
1 लाड़ली बहाना योजना
जब भी राष्ट्र भर में चुनाव होते थे तो स्त्रियों को मूक मतदाता माना जाता था। स्त्री वोटरों को शिक्षित करना नेताओं के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ। लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने 10 जून से लाडली ब्राह्मण योजना लागू कर दी है। इस योजना के अनुसार स्त्रियों को प्रति माह 1,000 रुपये दिए जाते हैं। चुनाव निकट आते ही यह राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी गई। आगे बढ़ते हुए भाजपा ने बोला है कि योजना से मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया जाएगा।
2. सरकारी कर्मचारियों के लिए विज्ञापन
चुनावी वर्ष में प्रदेश अध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के हर विभाग और हर वर्ग के कर्मचारियों के लिए घोषणा की है। ये कारवां चुनाव से ठीक 6 महीने पहले प्रारम्भ हुआ और आचार संहिता के साथ ख़त्म हुआ। शिवराज सिंह चौहान ने शासन प्रबंध की आखिरी इकाई पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की वेतन वृद्धि के साथ-साथ और भी घोषणाएं कीं। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में बढ़ोतरी की भी चर्चा है। वहीं मेहमान विद्वानों के लिए गवर्नमेंट ने उनका वेतन दोगुना कर दिया है।
3. आदिवासी वोटरों पर फोकस
मध्य प्रदेश की लगभग 21 फीसदी जनसंख्या आदिवासी समुदाय की है। ऐसे में पीएम मोदी का मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में दौरा बढ़ गया। साल 2022 में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी समुदाय की रानी कमलापति के नाम पर रखा गया। इसके अतिरिक्त जुलाई 2023 में पीएम मोदी ने शहडोल का दौरा किया था। यहां प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासियों से खास तौर पर मुलाकात की। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समय-समय पर आदिवासी इलाकों का दौरा भी करते हैं।
4. पीएम मोदी की लोकप्रियता और दौरे
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दो वर्ष में मध्य प्रदेश में अपने दौरे बढ़ाए हैं। पिछले वर्ष कमलापति चार वर्ष बाद रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने आए थे, जिसके बाद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का दौरा तेजी से बढ़ गया। चुनावी महीने में पीएम मोदी 15 दौरे कर चुके हैं। इन दौरों के दौरान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने करीब 72 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया है। जुलाई में जब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी शहडोल दौरे पर थे तो एक गाना लॉन्च हुआ था- एमपी के मन में मोदी, मोदी के मन में एमपी। जनता ने बीजेपी को जनादेश देकर यह साबित कर दिया है।
5. केंद्रीय मंत्री समेत बड़े नेताओं की रैली
इन चुनावों में बीजेपी का टीम समन्वय बेहतरीन रहा। इसके अतिरिक्त अपने स्टार प्रचारकों में देशभर से 40 बड़े नेताओं को मध्य प्रदेश चुनाव मैदान में उतारा था। साथ ही इन नेताओं ने उन नेताओं को भी मनाया जिनका टिकट काटा गया है। भाजपा नेताओं ने बेहतर डैमेज कंट्रोल किया। इसके अतिरिक्त जिन सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी कमजोर थे, वहां पर 2 से 3 बड़े नेताओं की जनसभाएं हुईं।
6. डबल इंजन सरकार
भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में डबल इंजन गवर्नमेंट की रणनीति पर भरोसा किया। इस बार भाजपा ने इन चुनावों में केंद्र गवर्नमेंट की किसान सम्मान निधि का जोरदार प्रचार किया था। किसान सम्मान निधि के अनुसार केंद्र गवर्नमेंट किसानों को सालाना 6000 रुपये और राज्य गवर्नमेंट 4000 रुपये देती है। केंद्र गवर्नमेंट की पीएम आवास योजना, आयुष्मान कार्ड योजना और उज्ज्वला योजना पर काफी ध्यान दिया गया है। ऐसे में भाजपा ने डबल इंजन के दम पर प्रचार किया।
7. कांग्रेस पार्टी के प्रचार अभियान में देरी
भारतीय जनता पार्टी ने गवर्नमेंट में रहते हुए एक वर्ष पहले ही चुनाव प्रचार प्रारम्भ कर दिया था। वहीं, कांग्रेस पार्टी पार्टी ने चुनाव प्रचार प्रारम्भ करने में काफी देरी की, जिसका लाभ भाजपा को हुआ। यदि लोग परिवर्तन चाहते हैं तो वे बेहतर विकल्प तलाशते हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी पार्टी ने जनता तक पहुंचने में देरी की। चुनाव से करीब 3 महीने पहले कांग्रेस पार्टी आंशिक रूप से एक्टिव हुई। यही एक फैक्टर भाजपा के लिए लाभ वाला साबित हुआ।
8.शिवराज की लोकप्रियता
बीजेपी की जीत की एक बड़ी वजह शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता है। मध्य प्रदेश में भाजपा के सीएम शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहीं अधिक है। प्रदेश में कमल नाथ की तुलना में शिवराज सिंह चौहान का चेहरा जनता के बीच अधिक लोकप्रिय था।
9. हिंदुत्व पर जोर
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने खुलकर हिंदुत्व पर बल दिया। एमपी में योगी आदित्यनाथ और हिमंत बिस्वा सरमा की रैलियां हुईं, सभी में राम मंदिर का जिक्र हुआ। इसके साथ ही भाजपा ने मध्य प्रदेश चुनाव में किसी भी मुसलमान उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है।
10. प्रदेश में मंदिरों की तस्वीर बदल दी
शिवराज गवर्नमेंट ने हिंदुत्व पर बल देकर प्रदेश के कई मंदिरों की छवि बदल दी। इनमें उज्जैन में महाकाल लोक, सलकनपुर में देवलोक, ओरछा में रामलोक, चित्रकूट में दिव्य वनवासी लोक शामिल हैं।