लेटैस्ट न्यूज़

रक्षा मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट ओएस की जगह ‘माया’ ऑपरेटिंग सिस्टम में किया बदलाव

रक्षा मंत्रालय ने अपने सभी कंप्यूटरों के लिए माइक्रोसॉफ्ट ओएस की स्थान ‘माया’ ऑपरेटिंग सिस्टम में परिवर्तन की घोषणा की है

देश में आए दिन बढ़ रहे साइबर हमलों के लिए गवर्नमेंट लगातार कदम उठा रही है अभ इसी कड़ी में रक्षा मंत्रालय ने अपने सभी कंप्यूटरों के लिए माइक्रोसॉफ्ट ओएस की स्थान ‘माया’ ऑपरेटिंग सिस्टम में परिवर्तन की घोषणा की है ‘माया’ को ओपन सोर्स उबंटू प्लेटफॉर्म पर विकसित किया गया है इसका उद्देश्य साइबर और मैलवेयर हमलों के विरुद्ध सुरक्षा बढ़ाना है

दरअसल, पिछले कुछ समय से डिफेंस सिस्टम पर साइबर हमलों का खतरा बढ़ता जा रहा है इसी से जुड़े कुछ मुद्दे सामने भी आए हैं इन्हीं सबको देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने ये कदम उठाया है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे लेकर एक अधिकारी ने बोला कि ‘माया’ का यूजर फ्रेंडली इंटरफेस और वर्किंग काफी हद तक विंडोज से मिलती जुलती है इसकी सहायता से यूजर्स सरलता से फंक्शन कर सकते हैं इसलिए प्राइमरी फ्रोक्स साउथ ब्लॉक में सभी इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों पर ‘माया’ को स्थापित करने पर होगा जिसकी समय सीमा 15 अगस्त से पहले निर्धारित की गई है

वहीं सुरक्षा तरीकों को और मजबूत करने के लिए, और एंड पॉइंट डिटेक्शन एंड प्रोटेक्शन सिस्टम का पता लगाने के हिस्से के रूप में एक चक्रव्यूह की स्थापना की योजना बनाई गई है हालांकि, माया ओएस को अभी तक दूसरी सर्विसेज को छोड़कर, रक्षा मंत्रालय के कंप्यूटरों तक ही सीमित रखा गया है

नौसेना ने ‘माया’ ओएस को अपनाने के लिए पहले ही हरी झंडी दे दी है जबकि सेना और वायु सेना वर्तमान में इसका अभी मूल्यांकन कर रही है सरकारी एजेंसियों ने इसे छह महीने में विकसित किया है ऐसे में ‘माया’ ओएस का उद्देश्य बढ़ते साइबर और मैलवेयर खतरों को समाप्त करना है

गौरतलब है कि, मैलवेयर और रैंसमवेयर हमलों की एक सीरीज से निपटने के लिए पहले भी कई कोशिश किए जा चुके हैं इन्हीं सबको देखते हुए ऑपरेटिंग सिस्टम में परिवर्तन का फैसला लिया गया है अब रक्षा मंत्रालय ने माया ऑपरेटिंग सिस्टम को अपना लिया है ऐसे में ये बढ़ते साइबर खतरों के विरुद्ध राष्ट्र के अहम डिजिटल बुनियादी ढांचे को सुरक्षित रखने में सहायता कर सकेगा

Related Articles

Back to top button