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हिंसा में गाजा पट्टी में कम से कम 50 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे गए : रिपोर्ट

गाजा. पत्रकारों की सुरक्षा के लिए समिति (सीपीजे) ने एक रिपोर्ट में कहा, ”हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल के विरुद्ध अपना बड़ा धावा प्रारम्भ किया, इसके बाद हुई अत्याचार में गाजा पट्टी में कम से कम 50 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे गए हैं.

सोमवार को एक रिपोर्ट में, न्यूयॉर्क स्थित गैर-लाभकारी संस्था ने बोला कि उग्र संघर्ष के बीच पत्रकारों की मृत्यु का दूसरा सबसे खतरनाक दिन 18 नवंबर को हुआ, जिसमें पांच लोग मारे गए, जबकि युद्ध का सबसे खतरनाक दिन इसका पहला दिन यानी 7 अक्टूबर था, जिसमें छह पत्रकार मारे गए.

मरने वाले 50 लोगों में से 45 फिलिस्तीनी, चार इजरायली और एक लेबनानी था.

सीपीजे के अनुसार, 11 पत्रकार घायल हुए, तीन लापता हैं और 18 पत्रकारों को कथित तौर पर अरैस्ट किया गया.

गैर-लाभकारी संस्था ने बोला कि वह अन्य पत्रकारों के मारे जाने, लापता होने, हिरासत में लेने, चोट पहुंचाने या धमकाने और मीडिया कार्यालयों और पत्रकारों के घरों को हानि पहुंचाने की कई अपुष्ट रिपोर्टों की भी जांच कर रही है.

सीपीजे के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम समन्वयक शेरिफ मंसूर ने कहा, “सीपीजे इस बात पर बल देता है कि पत्रकार संकट के समय जरूरी काम करने वाले नागरिक हैं और उन्हें युद्धरत दलों द्वारा निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.

”इस संघर्ष को कवर करने के लिए पूरे क्षेत्र के पत्रकार बलिदान दे रहे हैं. विशेष रूप से गाजा में रहने वालों ने अभूतपूर्व क्षति का भुगतान किया है और भुगतान करना जारी रखा है और उन्हें तेजी से खतरों का सामना करना पड़ रहा है.

मंगलवार सुबह तक, गाजा में मरने वालों की संख्या 11,078 थी, जिनमें से 4,506 बच्चे और 3,027 महिलाएं थीं.

इजराइल में 1,200 से अधिक मौतें हुई थीं, जबकि वेस्ट बैंक में यह संख्या बढ़कर 213 हो गई है.

 

 

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