एम्स में ओपीडी के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना हुआ आसान, ऐसे करें ट्राई

AIIMS Delhi: दिल्ली के ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में उपचार के लिए राष्ट्र के कोने-कोने से रोगी आते हैं। एम्स अस्पताल की ओपीडी में ही करीब प्रतिदिन आने वाली रोगियों की संख्या करीब 15-20 हजार रहती है। एम्स में दिखाने के लिए औनलाइन अपॉइंटमेंट (Online Appointment) एक बेहतर ऑप्शन है और रोगियों की सहूलियत के लिए बनाया गया है लेकिन कई बार रोगियों को औनलाइन अपॉइंटमेंट मिल ही नहीं पाती है। बहुत सारे रोगियों की ये कम्पलेन रहती है कि वे जब भी औनलाइन अपॉइंटमेंट लेने के लिए ओआरएस पोर्टल (ORS Portal) पर जाते हैं तो वहां पहले से सभी डेट्स फुल रहती हैं। वहां उपलब्ध नहीं (Not available) लिखा रहता है। फिर चाहे दो-चार महीने या वर्ष भर बाद की ही डेट क्यों न देखें, पोर्टल सभी डेट फुल ही दिखाता है।
एम्स में केवल नए पेशेंट (New Patients) ही नहीं बल्कि पुराने पेशेंट (Old Patients) भी जब किसी भी डिपार्टमेंट में दिखाने के लिए औनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करते हैं तो उनके सामने भी यही स्थिति रहती है। ऐसे में प्रश्न है कि जब अपॉइंटमेंट के सभी स्लॉट पहले से बुक ही रहते हैं और खाली नहीं होते तो औनलाइन अपॉइंटमेंट मिलती कैसे है और किसको मिलती है?
एम्स दिल्ली में मीडिया सेल की इंचार्ज प्रोफेसर रीमा दादा News18Hindi को बताती हैं कि एम्स की ओपीडी में दो ढंग से रोगी दिखाते हैं, पहला औनलाइन अपॉइंटमेंट लेकर और दूसरा सुबह जल्दी फिजिकली अस्पताल पहुंचकर टोकन लेकर। इनमें औनलाइन अपॉइंटमेंट लेने के बाद केवल लाइन में लगकर कार्ड बनवाने का काम रह जाता है, ऐसे में यह ज्यादा आसान और राहतभरा है। हालांकि औनलाइन अपॉइंटमेंट को लेकर लोगों की कम्पलेन इसलिए भी हो सकती है कि उन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है।
आपके शहर से (पटना)
प्रो। रीमा कहती हैं कि ओआरएस पर रजिस्ट्रेशन या औनलाइन अपॉइंटमेंट के लिए एम्स की नए और पुराने रोगियों के लिए भिन्न-भिन्न कैपिंग व्यवस्था है। यदि कोई नया रोगी औनलाइन अपॉइंटमेंट ले रहा है तो उसको केवल 1 महीने के (30 दिनों के) के अंदर-अंदर खाली डेट या उपलब्ध सीट दिखाई देंगी। यह हरे रंग की दिखाई देगी और उस पर उपलब्ध (Available) लिखा होगा। जबकि नॉट अवेलेबल (Not Available) हल्के ऑरेंज रंग की होगी। नए रोगियों के लिए 30 दिन की कैपिंग की हुई है। इसके बाद वह जिस भी महीने में डेट देखेगा, वह नॉट अवेलेबल ही आएगी।
वहीं पुराने रोगियों के लिए 3 महीने यानि 90 दिन की कैपिंग की गई है। पुराना मरीज, जिसका यूएचआईडी नंबर जेनरेट हो चुका है, वह जब भी औनलाइन अपॉइंटमेंट लेगा तो उसे 3 महीने तक खाली या भरी सीटों का ब्यौरा दिखाई देगा। यदि वह 90 दिन के बाद की डेट देखेगा तो वह हमेशा ही नॉट अवेलेबल (Not Available) आएगी।
ये टिप्स करें फॉलो, सभी को मिलेगी डेट
प्रो। रीमा कहती हैं कि एम्स आने वाले रोगियों की संख्या काफी ज्यादा होती है, ऐसे में डेट्स को लेकर थोड़ा इन्तजार करना संभव है। हालांकि नए रोगियों को यह कठिनाई थोड़ी ज्यादा हो सकती है लेकिन कुछ चीजों का ध्यान रखेंगे तो औनलाइन अपॉइंटमेंट लेने में सरलता होगी।
। जब भी आप ओआरएस पोर्टल पर एम्स के किसी विभाग में औनलाइन अपॉइंटमेंट ले रहे हों और सभी सीटें फुल आ रही हों तो फिर से 3-4 दिन बाद प्रयास करें। यदि फिर भी फुल आ रही हों तो, 2-3 दिन बाद फिर से ट्राई करें। ऐसे में जो महीने भर की कैपिंग है, वह उतने ही दिन आगे खिसक जाएगी और आपको डेट मिल पाएगी।
।जब भी आप औनलाइन डेट लें तो सुबह-सुबह जल्दी पोर्टल पर प्रयास कर सकते हैं। ऐसे में 30 दिन की कैपिंग आगे बढ़ते ही आपको सीट अवेलेबल मिल सकती है।
। डाक्टर कहती हैं कि यदि किसी भी प्रकार से औनलाइन डेट नहीं मिल पा रही है तो आप रविवार को छोड़कर फिजिकली किसी भी दिन दिल्ली एम्स में जल्दी आकर और पर्ची लेकर अपना कार्ड बनवा सकते हैं और डॉक्टर से उपचार ले सकते हैं।