तृणमूल कांग्रेस को कांग्रेस के हाथों हैं झटके लगना जारी

तृणमूल कांग्रेस को कांग्रेस के हाथों हैं झटके लगना जारी

पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी की प्रतिनिधित्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी को कांग्रेस पार्टी के हाथों झटके लगना जारी है. हाल ही में हुए एक और अहम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने वाम दल के साथ मिलकर टीएमसी की सूपड़ा साफ कर दिया. इससे पहले दोनों दलों ने मिलकर टीएमसी को सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में मात दी थी.

कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन ने पूर्व मिदनापुर में हल्दिया डॉक इंस्टीट्यूट स्टीयरिंग कमेटी (HDISC) में टीएमसी को शून्य पर ला दिया है. गठबंधन के उम्मीदवारों ने चुनाव में सभी 19 सीटों पर जीत हासिल की है, जिसके चलते बीजेपी और टीएमसी का खाता भी नहीं खुल पाया. HDISC के हर दो वर्षों में चुनाव होते हैं.

टीएमसी और ममता बनर्जी के लिए झटका कैसे?
खास बात है कि बीते HDISC के चुनाव में टीएमसी ने सभी सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार नतीजे बिल्कुल उल्टा रहे. यहां सभी 19 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे. सीपीआई (एम) के जिला अध्यक्ष निरंजन सिंघी का बोलना है, ‘पिछले चुनावों में हमारे प्रतिनिधि शून्य थे. इस बार मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे गठबंधन का समर्थन करने का निर्णय किया.

सागरदिघी में भी लगा था झटका
मार्च में घोषित हुए सागरदिघी उपचुनाव के नतीजे टीएमसी के लिए बुरी समाचार लाए थे. पार्टी के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री बनर्जी के दूर के सम्बन्धी कहे जा रहे देवाशीष बनर्जी को कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार बैरन विश्वास ने करीब 23 हजार मतों से हरा दिया था. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी का पश्चिम बंगाल विधानसभा में खाता खुल गया था.

खास बात है कि टीएमसी की सागरदिघी में हार ऐसे समय पर हुई थी, जब मुख्यमंत्री बनर्जी और अभिषेक बनर्जी दोनों ने ही सीट पर प्रचार किया था. 2021 में इस सीट पर टीएमसी के सुब्रत साहा ने 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. वहीं, उपचुनाव में आंकड़ा गिरकर 39 फीसदी पर आ गया था.