हिमंत बिस्वा सरमा : अपने अहंकार का परिणाम भुगत रहे हैं राहुल

गुवाहाटी. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को यहां बोला कि कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी 2019 में कर्नाटक में मोदी उपनाम पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगने के बजाय अहंकारी होने का रिज़ल्ट भुगत रहे हैं. मीडियाकर्मियों से वार्ता में सरमा ने कहा, ‘अगर राहुल गांधी ने माफी मांग ली होती तो मामला वहीं समाप्त हो जाता. ‘अनजान’ था. इससे साबित होता है कि उसका इरादा उस समुदाय को लक्षित करना था.
उन्होंने आगे बोला कि भाजपा को किसी माफी की आवश्यकता नहीं है लेकिन उन्हें ओबीसी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए थी.
सरमा ने टिप्पणी की, राहुल गांधी ओबीसी समुदाय के लिए माफीनामा जारी कर सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अहंकारपूर्ण व्यवहार किया. इसलिए न्यायालय को उनके अहंकार और ओबीसी समुदाय के गौरव के बीच संतुलन बनाना होगा.
असम के सीएम ने आगे बोला कि कांग्रेस पार्टी नेता को केंद्र द्वारा अयोग्य नहीं ठहराया गया था, लेकिन ओबीसी समुदाय का अपमान करने के लिए कानून की न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया था.
उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने अपने भाषण में ओबीसी समुदाय के विरूद्ध असंसदीय और अपमानजनक शब्दों का उपयोग किया. अब, न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराया है और निर्णय की घोषणा के परिणामस्वरूप, उन्हें बाद में लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
सरमा के मुताबिक, निर्णय जल्दबाजी में नहीं दिया गया, जैसे एक-दो महीने में दिया जाता है. लंबी प्रक्रिया के बाद इसे तैयार किया गया है.
उन्होंने बोला कि लगभग पांच वर्ष पहले राहुल गांधी के कर्नाटक चुनाव भाषण के बाद, उनके विरूद्ध राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में मुद्दे दर्ज किए गए, जिनमें एक अरुणाचल प्रदेश भी शामिल है.
सरमा ने कहा, कभी-कभी जुबान फिसल जाती है. राहुल गांधी को भाषण के तुरंत बाद माफी मांगनी चाहिए थी. हमारे साथ भी ऐसा होता है. लेकिन हम माफी मांगते हैं और कहते हैं कि टिप्पणी अनजाने में की गई थी.
हालांकि, असम के सीएम ने बोला कि कांग्रेस पार्टी नेता निर्णय को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.