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बीकानेर में कला एवं साहित्य की समृद्ध परंपरा रही है : नम्रता वृष्णि

बीकानेर. राजस्थानी साफा, पाग-पगड़ी, कला-संस्कृति संस्थान एवं थार विरासत द्वारा नगर स्थापना दिवस कार्यक्रमों की श्रृंखला में पांँच दिवसीय ‘उछब थरपणा’ कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को नत्थूसर गेट के बाहर स्थित नालन्दा सृजन सदन में चंदा-कला एवं बीकानेर की विभिन्न कलाओं की प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ. कार्यक्रम की मुख्य मेहमान जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने फीता खोलकर इसका उद्घाटन किया.

इस अवसर पर जिला कलेक्टर ने बोला कि बीकानेर की लोक कला एवं लोक संस्कृति अत्यंत समृद्ध विरासत है. बीकानेर में कला एवं साहित्य की समृद्ध परंपरा रही है. ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से इन कलाओं को नयी पीढ़ी तक ले जाने का सकारात्मक कोशिश हो रहा है. इसके लिए आयोजक संस्था एवं कलाकार साधुवाद के पात्र है. उन्होंने बोला कि बीकानेर कला जगत सच्चे अर्थो में आगे बढ़ रहा है, नवाचार लिए हुए बीकानेर का कला वैभव इसका उदाहरण है.

जिला कलेक्टर ने करीब 30 कलाकारों की लोकचित्र, यर्थाथ और आधुनिक कला से संबंधित एक-एक कलाकृतियों को गौर से देखा. उन्होंने कलाकारों से संवाद किया. इससे कई तरह की कला संबंधी नवीन जानकारियां साझा हुई और बीकानेर के कला वैभव को राष्ट्रीय फलक तक ले जाने के लिए पर चर्चा हुई.

विशिष्ट मेहमान के रूप में बोलते हुए केन्द्रीय साहित्य अकादेमी के राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने बोला कि बीकानेर के कला जानकारों ने अपनी कला के माध्यम से एक ओर जीवन के यर्थाथ और मानवीय संवेदनाओं को उकेरने का कार्य किया है, वहीं रंगों के माध्यम से सम्पूर्ण प्रकृति के साथ मरु वैभव को अपनी-अपनी कला शाखाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया है.

सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के सहायक निदेशक हरि शंकर आचार्य ने बोला कि ‘उछब थरपणा’ कार्यक्रम के माध्यम से किए गए नवाचार नयी पहल है. उन्होंने बोला ऐसे कार्यक्रम बीकानेर कला जगत में नए आयाम स्थापित करेगा.

प्रारंभ में संस्कृतिकर्मी राजेश रंगा ने स्वागत उद्बोधन दिया. उन्होंने पांँच दिवसीय उछब थरपणा की रूपरेखा बताई और बोला कि बीकानेर की लोक कला और लोकसंस्कृति के साथ अन्य नवाचारों के माध्यम से नगर के 537वें स्थापना दिवस को मनाने में अपनी रचनात्मक किरदार का निवर्हन किया है.

इस अवसर पर कृष्णचंद पुरोहित एवं राजेश रंगा ने मेहमानों को बुके, साफा एवं शॉल ओढाकर अभिनंदन किया. बाल कलाकार कृतिका रंगा ने जिला कलेक्टर का स्वागत किया.

इस अवसर पर डाक्टर मोना सरदार डूडी की कुरेचन कला, धर्मा स्वामी मॉडर्न आर्ट, महावीर रामावत पेन्सिल पोट्रेट, कृष्णचंद पुरोहित साफा पगडी कला, योगेन्द्र पुरोहित इन्स्टोलेशन आर्ट, कमल किशोर जोशी पोट्रेट कला, रामकुमार भादाणी सुनहरी कलम, रवि उपाध्याय यर्थाथ आर्ट, फराह कन्टेम्परी आर्ट, प्रिया मारू दृश्य कला, सैफ अली उस्ता उस्ता आर्ट, संगीता चौधरी मिनियचर आर्ट, गणेश रंगा पेन्सिल आर्ट, केशव जोशी लीफ आर्ट, पुलकित हर्ष पेन्सिल आर्ट, किरदार रांकावत मण्डाला आर्ट, कृष्णकांत व्यास वुडन आर्ट, मुकेश जोशी सांचीहर मॉडर्न आर्ट, मंशा रावत लिपन आर्ट, योगेश रंगा पिछवाई आर्ट, मुस्कान मालु कनटेम्परी आर्ट, तनिशा निर्वाण मॉर्डन आर्ट, मोहित पुरोहित चन्दा आर्ट, आदित्य चन्दा आर्ट, मयंक रामावत डिजिटल आर्ट, दिनेश नाथ लेंडस्केप आर्ट, निकिता सारण चारकोल आर्ट को कला प्रेमियों द्वारा अवलोकन किया गया.

कार्यक्रम में गोपीकिशन छंगाणी, मदन मोहन ओझा, हरिनारायण आचार्य, हेमलता व्यास, कार्तिक मोदी, भवानीसिंह, तोलाराम सारण, वासु, घनश्याम ओझा, अशोक शर्मा, आशीष रंगा, दिनेश व्यास आदि उपस्थित रहे. कला जानकार कृष्णचंद ने सभी का आभार ज्ञापित किया. कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया.

 

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