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बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूल को बंद कराने के लिए शिकायतकर्ता ने शिक्षा अधिकारियों को भेजा कानूनी नोटिस

समालखा में पिछले पांच सालों से बिना सरकारी मान्यता के चलाये जा रहे एक निजी विद्यालय को बंद कराने के लिए शिकायतकर्ता ने शिक्षा ऑफिसरों को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है. लीगल नोटिस जाते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. खंड शिक्षा अधिकारी ने अपने बचाव के लिए आननफानन में सर्व साधारण के नाम सूचना जारी कर दी है कि अमुक विद्यालय बिना सरकारी मान्यता के चलाया जा रहा है. आप इसमें अपने बच्चों को दाखिल न करवाएं. शिक्षा विभाग यदि इस निजी विद्यालय के विरुद्ध कार्रवाई करता है तो इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे करीब 700 बच्चों का भविष्य अधर में लटक सकता है.

समालखा के शास्त्री नगर स्थित हरियाणा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के संचालक वीरेंद्र शास्त्री ने खंड शिक्षा अधिकारी नीलम कुंडू द्वारा विद्यालय के विरुद्ध निकाली गई सार्वजनिक सूचना पर विरोध जताते हुए इसे विद्यालय को बदनाम करने की साज़िश कहा है. उन्होंने कहा कि उनके पास मिडल क्लास तक स्थायी मान्यताप्राप्त है. 2019 में कक्षा नौवीं से बारहवीं तक की मान्यता रद्द हुई थी, तब से वह मिडिल क्लास तक विद्यालय चला रहे हैं और सीनियर सेकेंडरी की मान्यता प्राप्त करने के लिए उन्होंने आवेदन किया हुआ है, जिसकी फीस भी जमा करा दी गई है. आचार संहिता हटने के बाद उन्हें मान्यता मिल जायेगी.

दूसरी ओर सामाजिक कार्यकर्ता एवं एडवोकेट भूपेंद्र ने जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप दहिया, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राकेश बूरा और समालखा की खंड शिक्षा अधिकारी नीलम कुंडू को गत 22 अप्रैल को भेजे कानूनी नोटिस में वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के संचालक वीरेंद्र शास्त्री पर शिक्षा विभाग और माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना कर बिना सरकारी मान्यता के विद्यालय चलाने का इल्जाम लगाया है. उन्होंने बोला कि जो सरकारी मान्यता के डॉक्यूमेंट्स वीरेंद्र शास्त्री दिखा रहा है, वह फर्जी है. पानीपत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी इसका कोई रिकार्ड नहीं है, फिर यह विद्यालय पिछले पांच वर्षों से किसकी शह पर चल रहा है. उधर, वकील का लीगल नोटिस जाते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है ओर अपने बचाव में खंड शिक्षा अधिकारी नीलम कुंडू ने भी तुरंत शीघ्र में सार्वजनिक सूचना जारी करके अभिभावकों को बच्चे इस विद्यालय में दाखिल न करने की अपील की है.

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