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चीनी मिलों के लिए आई ये अच्छी खबर

भारत में चीनी मिलें भारी फायदा कमा सकती हैं, जिसका लाभ राष्ट्र में कहीं न कहीं गन्ना किसान उठा सकते हैं. दरअसल, भारतीय शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने गवर्नमेंट के सामने चीनी निर्यात की एक योजना पेश की है, जो राष्ट्र में चीनी स्टॉक को संतुलित करने के साथ-साथ राष्ट्र के लिए आय पैदा करने में भी मददगार होगी. हिंदुस्तान वैसे भी दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादकों में से एक है.

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने गवर्नमेंट से चीनी फसल साल 2023-24 के चालू सीजन में 10 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने का निवेदन किया है. इसका कारण यह है कि राष्ट्र में फसल साल के अंत में चीनी का स्टॉक बेहतर रहने की आशा है. अगले सीजन में फसल की पैदावार अच्छी होने की आशा हैISMA ने एक बयान में बोला कि चालू सत्र में मार्च तक चीनी का उत्पादन 302.20 लाख टन तक पहुंच गया है, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 300.77 लाख टन था चीनी का मौसम अक्टूबर से सितंबर तक चलता है. अभी राष्ट्र में चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध है मार्च के दौरान, ISMA ने 2023-24 सीज़न के लिए अपने सही चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 320 लाख टन कर दिया था.

मिठास फैलाने में हिंदुस्तान विश्व में दूसरे जगह पर है
ब्राजील के बाद हिंदुस्तान दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है. पिछले 6 वर्षों में हिंदुस्तान ने बड़े पैमाने पर चीनी का निर्यात किया है अक्टूबर 2023 से प्रारम्भ हुए चालू चीनी सीज़न में हिंदुस्तान ने चीनी का निर्यात नहीं किया है, जिसके कारण अल नीनो के कारण राष्ट्र में मौसम की स्थिति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.अल नीनो के कारण इस वर्ष हिंदुस्तान के कई इलाकों में गन्ने की फसल प्रभावित हुई है हालाँकि, हिंदुस्तान का 80 फीसदी चीनी उत्पादन उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में होता है. जबकि दुनिया के कुल चीनी व्यापार में हिंदुस्तान की हिस्सेदारी करीब 12 प्रतिशत है

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