ओवैसी ने मोदी, योगी और अटल के परिवार पर उठाया ये सवाल
ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में सार्वजनिक सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दिवंगत अटल बिहारी वाजेपेयी के परिवार पर प्रश्न उठा दिया. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को लेकर उन्होंने कहा, ‘क्या हम (मुसलमान) घुसपैठिए और कई बच्चों वाले लोग हैं? क्या आप जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी के कितने भाई-बहन थे. वाजपेयी को लेकर भाई-बहनों की संख्या 7 थी. ऐसे में क्या वह परिवार अधिक बच्चा पैदा करने वाला नहीं हुआ? क्या मुस्लिम बहुत सारे बच्चे रखने वाले लोग हैं?’
अकबरुद्दीन ओवैसी ने बोला कि योगी आदित्यनाथ और उनके भाई-बहन संख्या में 7 है. अमित शाह और उनकी बहनों को मिलाकर 7 लोग हैं. ऐसे में क्या हम अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं? नरेंद्र मोदी और उनके भाई-बहन संख्या में 6 है. इतना ही नहीं, अशोक सिंघल भी 7 भाई-बहन थे. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 4 भाई-बहन हैं. उन्होंने कहा, ‘बताइए कि क्या यह छोटा परिवार है. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा भी 7 भाई-बहन हैं. अब वो लोग क्या बोलेंगे? हम लोग घुसपैठिए नहीं हैं. हमने इस देश को ताज महल की खूबसूरती दी है. कुतुब मीनार की बुलंदी दी है. लाल किला, जामा मस्जिद और चार मीनार भी दिए हैं. हम वही हैं, जिसने इस देश को सजाया है.‘
पीएम मोदी के भाषण को लेकर असदुद्दीन ओवैसी भी बरसे
वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण में मुसलमानों की रूढ़िवादी छवि पेश किए जाने का इल्जाम लगाया. उन्होंने बोला कि वह राजस्थान में मोदी के भाषण की पोस्टमार्टम जांच कराना चाहेंगे. ओवैसी ने कहा, ‘मोदी ने बोला कि मुसलमानों के अधिक बच्चे हैं. यह असत्य है. समुदाय में प्रजनन रेट में गिरावट आई है और आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यह 2.36 फीसदी है. हालांकि, माना जाता है कि हमारे हिंदू भाइयों के बीच प्रजनन रेट कम है.’ ओवैसी ने इल्जाम लगाते हुए कि पीएम ने बांसवाड़ा रैली में असत्य कहा जैसा कि वह हमेशा करते आए हैं. सांसद ने बोला कि पीएम कि टिप्पणियां विभाजनकारी थीं. उन्होंने कहा, ‘मोदी के तर्क के अनुसार, दक्षिणी राज्य संसद में कम सांसद होने को लेकर आंदोलन प्रारम्भ कर सकते हैं, क्योंकि वहां जनसंख्या वृद्धि रेट कम है. लेकिन ये राज्य उत्तर की तुलना में सकल घरेलू उत्पाद में अधिक सहयोग देते हैं.’