SNMMCH में बनाया गया वार्ड, डेंगू को लेकर धनबाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
डेंगू रोग को फैलने से रोकने को लेकर धनबाद जिला स्वास्थ्य विभाग व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चला रही है। साथ ही किसी भी हालात में डेंगू के रोगी मिलने पर उसके पूरा उपचार के लिए SNMMCH में अलग से वार्ड तैयार किया गया है। जहां 4-4 बेड मर्दों और स्त्रियों के अलग से लगाया गया हैं। इस बारे में धनबाद सिविल सर्जन ने कहा कि डेंगू रोग से बचाव के लिए जागरूकता जरुरी है। हालांकि अभी जिले में डेंगू के एक भी रोगी की पुष्टि नहीं हुई है।
डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये खास तरह के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं। ये मच्छर खासतौर पर सुबह के समय काटते हैं। डेंगू की तरह मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी मच्छर से होने वाली बीमारियां आमतौर पर बरसात के दिनों और उसके बाद के महीने यानी जुलाई से अक्टूबर के बीच में तेज़ी से फैलती हैं। धनबाद सिविल सर्जन ने लोगों से अपील करते हुए बोला कि अपने आसपास साफ पानी इकट्ठा नही होने दे।
डेंगू के लक्षण
सिविल सर्जन चिकित्सक चंद्र भानु प्रताप ने कहा कि बदलते मौसम में कई तरह की बीमारियां अपना शिकार बना लेती हैं। जैसे डेंगू, मलेरिया आदि। इन मौसम में मच्छरें बहुत तेजी से पनपती है। यही कारण है कि इस मौसम में ठीक से ख्याल नहीं रखा गया तो डेंगू,चिकनगुनिया या मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से पैर पसारने लगती है। दरअसल, मच्छर से होने वाली रोग में तेज बुखार, डायरिया, मतली, उल्टी की परेशानी होती है। लेकिन कुछ मुद्दे एसिम्पटोमेटिक भी हो सकते हैं। डेंगू बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर पर दाने, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं।
क्या संक्रामक बीमारी है डेंगू ?
सिविल सर्जन चिकित्सक चंद्र भानु प्रताप ने कहा कि जो शख्स डेंगू से पीड़ित होता है। उसके शरीर में काफी मात्रा में डेंगू वायरस पाया जाता है। इसके अतिरिक्त जब कोई एडीज़ मच्छर किसी डेंगू के मरीज़ को काटता है तो उसका खून भी चूसता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ शख्स को काटता है, तो उसे भी डेंगू हो जाता है। क्योंकि मच्छर के काटने से उसके शरीर में भी वायरस पहुंच जाता है। जिससे वह शख्स भी डेंगू से संक्रमित हो जाता है।हालांकि, डेंगू के मरीज़ से हाथ मिलाने, उसके साथ बैठने या उसके मुंह या नाक से निकलने वाली बूंदों के ज़रिए डेंगू नहीं होता। लेकिन क्योंकि डेंगू दूसरे ढंग से एक आदमी से दूसरे आदमी में संक्रमण फैलाता है, इसलिए इसे संक्रामक बीमारी ही माना जाता है।