झारखण्ड

आज बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के बड़ा बाबू दानिश रिजवान से की जाएगी पूछताछ

जमीन घोटाले और मनी लांड्रिंग से जुड़े मुद्दे की पड़ताल कर रही प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों के विरुद्ध षड्यंत्र करने के मुद्दे में आज बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल के बड़ा बाबू दानिश रिजवान से पूछताछ की जाएगी उसे प्रवर्तन निदेशालय के हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय बुलाया गया है
क्यों होगी पूछताछ
ईडी ने जब तीन नवंबर को कारावास में छापा मारा था तब बड़ा बाबू दानिश रिजवान का मोबाइल बरामद किया था इस मोबाइल की जांच में प्रवर्तन निदेशालय को पता चला कि वह अपने मोबाइल से मनी लांड्रिंग के गवाहों को धमकी दे रहा था प्रवर्तन निदेशालय को उसके मोबाइल से कई गवाहों के नंबर और वार्ता की रिकॉर्डिंग भी मिली है इसी मुद्दे को लेकर आज दानिश रिजवान से पूछताछ की जाएगी उसे 11 बजे हाजिर होने को बोला है
कल जेलर और गुरुवार को कारावास अधीक्षक से पूछताछ
बड़ा बाबू के अतिरिक्त होटवार कारावास के अधीक्षक और जेलर से भी पूछताछ की जाएगी जेलर मो नसीम को 8 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय ऑफिस में हाजिरी लगाने का आदेश दिया गया है जबकि कारावास अधीक्षक हामिद अख्तर को 9 नवंबर को हाजिर होने को बोला है प्रवर्तन निदेशालय की ओर से भेजे गए बुलावे को बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है वहीं चर्चा इस बात की भी है कि प्रवर्तन निदेशालय इन ऑफिसरों के विरुद्ध कड़े कदम भी उठा सकती है
ईडी के ऑफिसरों के विरुद्ध चल रही थी साजिश
ईडी ने पीएमएलए न्यायालय में आवेदन देकर कहा था कि कारावास में बंद प्रेम प्रकाश और अन्य अभियुक्त, कारावास के अधिकारी और राज्य के कुछ प्रशासनिक ऑफिसरों की मिलीभगत से प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों को झूठे मुकदमे में फंसाने की षड्यंत्र रच रहे हैं इसके बाद न्यायालय से अनुमति लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार दोपहर रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में छापेमारी की प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी दोपहर 3:30 बजे केंद्रीय कारा पहुंची और प्रेम प्रकाश सहित उससे संबंधित लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की
झूठे मुकदमे में फंसाने की हो रही थी प्लानिंग
छापेमारी के दौरान ऑफिसरों ने यह पाया कि प्रेम प्रकाश राज्य के ऑफिसरों के साथ मिल कर प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों को झूठे मुकदमे में फंसाने की षड्यंत्र रच रहा है इसके लिए उसने कई पुलिस और प्रशासनिक ऑफिसरों के बात की है जांच के दौरान कारावास में प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों ने पाया कि इस षड्यंत्र में कारावास के ऑफिसरों द्वारा अभियुक्तों को इधर-उधर संपर्क करने के लिए सारी सुविधाएं मौजूद करायी जा रही हैं

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