अचानक हुए इस बारिश ने किया सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद
हजारीबाग। हजारीबाग कृषि प्रधान जिला माना जाता है। यहां के 60 फीसदी से अधिक लोग कृषि पर ही निर्भर करते हैं और कृषि से ही किसान जीविकोपार्जन करते हैं। हजारीबाग में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण जहां एक तरफ जीवन अस्त-व्यस्त हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर किसानों पर यह बेमौसम बारिश कहर बन हुई है। अचानक हुए इस बारिश के कारण खेतों में लगे सरसों और गेहूं की सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद होने की आसार है।
हजारीबाग के इचाक प्रखंड के दरिया गांव के किसान संजय मेहता बताते हैं कि इस साल सरसों ऑयल के अच्छे रेट को देखते हुए 2 एकड़ की भूमि पर सरसों की खेती की थी। साथ ही तीन 3 एकड़ की भूमि पर गेहूं भी लगाया था, लेकिन तीन दिन की इस बेमौसम बारिश में सभी फसल जमीन पर लेट गई है। यदि ये बारिश न होती तो कम से कम 5 से 7 लाख की फसल इसमें अवश्य होती, लेकिन अब अधिकतर फसल बर्बाद हो चुकी है।
हजारीबाग के इचाक प्रखंड के दरिया गांव के किसान मंटू मेहता बताते हैं कि इस बारिश के कारण पूरे इचाक प्रखंड में लगी हुई सरसों और गेहूं की फसल जमीन पर गिर चुकी है। इससे सभी फसल बर्बाद हो चुकी है। ऐसे में यदि गवर्नमेंट सर्वेक्षण कर इन बर्बाद फसलों का मुआवजा देती है। तो हम किसानों को बहुत सहायता मिलेगी।
‘किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं’
इस संबंध में कृषि अनुसंधान केंद्र गोरियाकरमा हजारीबाग के कृषि वैज्ञानिक डाक्टर एके सिंह बताते हैं कि बारिश और तूफान के बाद फसलों में मामूली क्षति हुई है, लेकिन इसमें किसानों को अधिक घबराना नहीं है। अभी अधिकतर किसान हाइब्रिड बीज का इस्तेमाल करते हैं जो अधिकतर मामलों में जमीन पर लेटने के बाद भी उठ खड़ा होता है। जैसे ही मौसम साफ होगा अधिकतर फसलें फिर लहलहा उठेंगी। हजारीबाग कृषि पदाधिकारी असीम रंजन एक्का ने बोला कि फसल बर्बाद को लेकर अभी तक ऑफिशियल कोई जानकारी यहां तक नहीं पहुंची है। जैसे ही ब्लॉक स्तर से कोई जानकारी यहां तक पहुंचती है। उसके बाद विभाग में इसे मुआवजे के लिए भेजा जाएगा।