PMLA कोर्ट ने सोरेन को विधानसभा में नई सरकार के लिए होने वाले फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की दी अनुमति
रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को पीएमएलए न्यायालय ने विधानसभा में 5 फरवरी को नयी गवर्नमेंट के लिए होने वाले फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति दे दी है। सोरेन अभी न्यायिक हिरासत में हैं और शनिवार से प्रवर्तन निदेशालय (ED) उन्हें पांच दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। हेमंत सोरेन झारखंड विधानसभा में बरहेट विधानसभा क्षेत्र का अगुवाई करते हैं। उन्हें 31 जनवरी की रात प्रवर्तन निदेशालय ने रांची के जमीन घोटाले (land Scam) में अरैस्ट किया था। हेमंत सोरेन की ओर से शनिवार को ही पीएमएलए न्यायालय में अर्जी दाखिल कर आग्रह किया गया कि उन्हें 5 फरवरी को 11 बजे एक घंटे के लिए विधानसभा में मौजूदगी की अनुमति दी जाए।
इस अर्जी पर बहस के दौरान सोरेन और प्रवर्तन निदेशालय दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पेश की। हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने न्यायालय में पूर्व में पारित किये गये कई आदेशों की नजीर पेश की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने हेमंत सोरेन को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की इजाजत दे दी। रांची की एक विशेष न्यायालय ने शनिवार को झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को पांच फरवरी को राज्य विधानसभा में विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दे दी।
घोटाले में फंसने से सोरेन की कुर्सी गई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोरेन को दस दिन की हिरासत में देने का निवेदन गुरुवार को किया था। तब न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रखते हुए झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सोरेन को धन शोधन मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय ने सात घंटे तक पूछताछ के बाद 31 जनवरी की रात अरैस्ट किया था। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से त्याग-पत्र दे दिया था।
राजनीतिक वाद-विवाद का दौर जारी
इस मामले को लेकर सियासी वाद-विवाद का दौर जारी है। भाजपा ने केंद्र गवर्नमेंट पर सियासी लाभ के लिए आदिवासी नेता को प्रताड़ित करने का इल्जाम लगाने को लेकर हेमंत सोरेन के समर्थकों की निंदा की है। भाजपा ने बोला कि झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को राज्य में करप्शन और लूट में शामिल होने के चलते अरैस्ट किया गया है। भाजपा ने बोला कि पीएम नरेन्द्र मोदी की गवर्नमेंट आदिवासी समाज की बहुत परवाह करती है।