झारखण्ड

पूजा पाठ को लेकर विजयादशमी और दशहरा का महत्व,जानिए

 नवरात्रि के नौ दिनों तक नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है नवरात्रि के दसवें दिन माता दुर्गा का विसर्जन किया जाता है जिसे विजयदशमी भी कहते हैं इसी दिन दशहरा भी मनाया जाता है दशहरा के दिन रावण दहन का उत्सव पूरे शहर गांव में भी मनाया जाता है पूजा पाठ को लेकर विजयादशमी और दशहरा का महत्व तो खास है ही लेकिन संस्कृत दृष्टिकोण से भी दशहरा का महत्व अधिक है, क्योंकि दशहरे के दिन शहर, गांव, कस्बे में मेले का आयोजन किया जाता है कई लोगों को लगता है कि विजयादशमी और दशहरा एक है क्या असली तौर पर विजयदशमी और दशहरा एक है, हम जानेंगे देवघर के ज्योतिषाचार्य से

देवघर के मशहूर ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकेल 18 के संवाददाता सें वार्ता करते हुए बोला कि नवरात्रि के नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है और नवरात्र के दसवें दिन माता दुर्गा का विसर्जन किया जाता है मान्यता यह है कि माता दुर्गा 9 दिनों तक महिषासुर से लड़ते रहीं और दसवें दिन यानी विजयादशमी के दिन ही माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था इसलिए विजयदशमी मनाई जाती है विजयादशमी नक्षत्र को देख कर मनाई जाती है इस वर्ष विजयादशमी 23 अक्टूबर को है, इसलिए इस वर्ष 23 अक्टूबर को ही माता दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा

 

 

 

क्यों मनाते हैं दशहरा
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि दशहरा असत्य पर सत्य की जीत के तौर पर मनाया जाता है दशहरा हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है इसी दिन ईश्वर राम ने दशानन रावण का वध किया था इसलिए इसे दशहरा कहते हैं दशहरा के दिन रावण का पुतला दहन कर शहर गांव कस्बे मे बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है दशहरा में हिंदुस्तान के कई जगहों पर बड़े मेले का आयोजन भी किया जाता है वही दशहरा हर वर्ष अश्विन या कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और इस वर्ष 24 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा

विजयादशमी का शुभ मुहूर्त 
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि विजयदशमी तिथि को देखकर नहीं, बल्कि नक्षत्र को देखकर मनाई जाती है क्योंकि इस दिन माता दुर्गा का विसर्जन किया जाता है सर्वना नक्षत्र में माता दुर्गा का विसर्जन किया जाता है 23 अक्टूबर को दोपहर 1बजकर 40मिनट से लेकर रात के 2 बजकर 46 मिनट तक सरवाना नक्षत्र है, इसलिए 23 अक्टूबर को ही विजयादशमी मनाई जाएगी

दशहरा का शुभ मुहूर्त
दशहरा हर वर्ष तिथि को देखकर मनाया जाता है अश्विन या कार्तिक मां के दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है इस वर्ष दशमी तिथि 23 अक्टूबर दिन सोमवार को शाम के 05 बजकर 42 प्रारम्भ होकर अगले दिन यानी 24 अक्टूबर को रात 08 बजकर 42 मिनट मे खत्म हो रही है, इसलिए उदयातिथी के मुताबिक 24 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा और रावण दहन 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 43 मिनट के बाद से किया जाएगा

 

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