राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन का किया उद्घाटन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन का किया उद्घाटन

रांची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन दिवसीय दौरे पर झारखंड में हैं इसी दौरान बुधवार को उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन का उद्घाटन किया झारखंड उच्च न्यायालय कई मायनों में काफी खास है इसका परिसर उच्चतम न्यायालय से लगभग साढ़े तीन गुना बड़ा है यह 65 एकड़ जमीन में फैला है झारखंड उच्च न्यायालय में 25 भव्य वातानुकूलित न्यायालय रूम तैयार किए गए हैं जहां मुकदमों का निपटारा किया जाएगा

कोर्ट परिसार में 1200 अधिवक्ता के बैठने के लिए दो हॉल, 540 चेंबर बनाए गए हैं वहीं, महाधिवक्ता भवन अलग से तैयार किया गया है 30 हजार वर्ग फीट में लाइब्रेरी बनाई गई है 2000 वाहनों की पार्किंग की प्रबंध है सुरक्षा का भी खास ख्याल रखा गया है यहां कुल 500 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं बता दें कि उच्च न्यायालय भवन बनाने में कुल 550 करोड रुपए का खर्च आया है इसे राष्ट्र का सबसे बड़ा न्यायालय बताया जा रहा है

कोर्ट के निर्णय पर अमल नहीं होता- राष्ट्रपति
उद्घाटन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बोला कि न्याय पाना काफी काफी जटिल काम होता है इसे और आसान करने की आवश्यकता है चीफ जस्टिस, कानून मंत्री और अन्य कानून के जानकार लोग यहां उपस्थित है इन्हें मिलकर इस परेशानी का निवारण निकालना होगा मैं ऐसे कई लोगों को निजी तौर पर जानती हूं जिनको मुकदमा जीतने के बाद भी न्याय नहीं मिल पाया निर्णय हो जाते हैं पर फैसलों पर अमल नहीं किया जाता है

E-कोर्ट को देना है बढ़ावा- CJI
इस दौरान मौके पर उपस्थित चीफ जस्टिस ऑफ इण्डिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, राष्ट्र के लोगों को न्याय प्रबंध पर बहुत आस्था है और आस्था को बरकरार रखने के लिए न्याय प्रबंध को और शीघ्र करने की आवश्यकता है उन्होंने कहा, निचली न्यायालय को भी अधिक पावर देने की आवश्यकता है तभी जज की गरिमा और गौरव बरकरार रहेगा साथ ही हम e-कोर्ट के जरिए सीधा नागरिकों से जुड़ रहे हैं और लाइव सुनवाई से हम लोगों तक पहुंच रहे हैं, यह महत्वपूर्ण भी है e-कोर्ट के फेज 3 के लिए केंद्र गवर्नमेंट ने हमें 7000 करोड़ प्रदान किए हैं जिससे हम e-कोर्ट में तकनीकों को और भी डेवलप कर पाएंगे हमने एआई की सहायता से 6000 आदेश का अनुवाद किया है

मौके पर उपस्थित सीएम हेमंत सोरेन ने बोला हमारे पास ऐसे करीब 3200 लोगों की सूची है जो 4 सालों से अधिक समय से छोटे-मोटे अपराधों के लिए कारागार में बंद हैइन सभी मामलों को 6 महीने के भीतर निपटाने की प्रयास की जा रही है और आवश्यकता होगी तो राज्य गवर्नमेंट इसपर विशेष ध्यान देगी इस मौके पर गवर्नर सीपी राधाकृष्णन, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित अन्य उपस्थित रहे