सर्वजन पेंशन लागू करने के मामले में झारखंड बना देश का पहला राज्य
गोड्डा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गोड्डा जिला स्थित मुंदर कोठी स्टेडियम में आयोजित आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान के तीसरे चरण के भीतर आयोजित कार्यक्रम में करीब 441.06 करोड़ रुपए की 217 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान 181303 लाभुकों के बीच लगभग 300 करोड़ 96 लाख रुपए की परिसंपत्ति बांटी। उन्होंने बोला कि आमजन की जरूरत के अनुरूप योजनाएं बना रहे हैं। सर्वजन पेंशन योजना लागू करने के मुद्दे में झारखंड राष्ट्र का पहला राज्य है। राज्य के 8 लाख से अधिक वंचित परिवारों को अबुआ आवास योजना का फायदा दिया जाएगा। वर्तमान में हमारी गवर्नमेंट जो योजनाएं बना रही है, ये योजनाएं आपकी योजन, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त हुए आवेदनों के आकलन के बाद ही तैयार की जाती है। झारखंड की आत्मा गांव में बसती है। जब तक गांव मजबूत नहीं होगा, तब तक राज्य मजबूत नहीं होगा। झारखंड की जड़ कैसे मजबूत हो। इस पर हमारी गवर्नमेंट गंभीरता के साथ कार्य कर रही है, ताकि आने वाली पीढ़ी को इसका फल मिल सके।
सर्वजन पेंशन लागू करने के मुद्दे में झारखंड राष्ट्र का पहला राज्य
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बोला कि आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से राज्य गवर्नमेंट गांव-पंचायत पहुंच कर लोगों को उनका हक-अधिकार देने का कार्य कर रही है। पिछले दो वर्ष में लाखों आवेदन हमें शिविर के माध्यम से प्राप्त हुए। कई तरह की समस्याएं सामने आईं। प्राप्त आवेदनों के निराकरण के लिए चरणबद्ध ढंग से सूची तैयार की गई। उसका रिज़ल्ट यह हुआ कि सबसे पहले हमारी गवर्नमेंट ने राज्य के बुजुर्गों, दिव्यांगों, विधवा माताओं-बहनों सहित सभी जरूरतमंदों के प्रति गवर्नमेंट ने संवेदना दिखाते हुए राज्य में सर्वजन पेंशन योजना लागू की। सर्वजन पेंशन योजना लागू करने वाला झारखंड राष्ट्र का पहला राज्य है। सभी जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाते हुए ससमय राज्य गवर्नमेंट पेंशन मौजूद करा रही है। सीएम ने बोला कि पूर्ववर्ती सरकारों ने इन सभी जरूरतमंद वर्ग को बिचौलियों के चक्कर में फंसने को विवश कर दिया था। अब सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आने वाले पात्र लोगों को पेंशन के लिए विभिन्न कार्यालयों चक्कर नहीं काटना पड़ रहा है। अब उन्हें किसी के पास जाने की आवश्यकता नहीं है। हमने बुजुर्गों को सहारा दिया है। उनके हाथों में लाठी दी है। झारखंड जैसा पिछड़ा राज्य अब सभी पात्र लाभुकों को एक हजार रुपए पेंशन दे रहा है।