झारखण्ड

झारखंड में इस योजना के तहत फर्जी मरीजों का किया जा रहा इलाज, जांच में हुआ खुलासा

आयुष्मान योजना के अनुसार रांची सदर हॉस्पिटल में इलाज करानेवाले नौ प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया है कि हॉस्पिटल में दाखिल होकर इलाज कराने के लिए उनसे पैसे वसूले गये इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग ने अपनी ही आंतरिक रिपोर्ट में किया है रिपोर्ट के नौवें पैरा में इसका जिक्र है वैसे रिपोर्ट में यह जिक्र नहीं है कि इन पैसों का भुगतान आखिर किसे किया गया अब इस खुलासे के बाद से रांची सदर हॉस्पिटल स्वयं शक के घेरे में है और यहां की प्रबंध पर प्रश्न उठाये जाने लगे हैं

लाभुकों को कॉल कर जुटायी गयी जानकारी :

जानकारी के अनुसार, 104 हेल्थ हेल्पलाइन के माध्यम से एक अगस्त से एक नवंबर के बीच सदर हॉस्पिटल में भर्ती होकर उपचार कराने वाले आयुष्मान लाभुकों को कॉल किया गया था जिसके बाद आंतरिक रिपोर्ट तैयार कर नवंबर के तीसरे हफ्ते में विभागीय ऑफिसरों को सौंपा गया इसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अभियान निदेशक ने जिला के चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है

बताते चलें कि आयुष्मान योजना का मूल उद्देश्य गरीबों पर उपचार कराने में पड़नेवाले आर्थिक बोझ को कम करना और गुणवत्तापूर्वक उपचार समय पर देना है इसके अनुसार चिह्नित परिवारों को योजना से संबद्ध देशभर के किसी भी चिह्नित सरकारी या निजी हॉस्पिटल में महज कार्ड दिखाने मात्र से ही पांच लाख तक नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है

कमाई के मुद्दे में राष्ट्र भर में तीसरा सरकारी जिला हॉस्पिटल :

आयुष्मान योजना सितंबर, 2018 में रांची में लांच की गयी थी जिसके बाद रांची सदर हॉस्पिटल ने कमाई और सर्वाधिक क्लेम दर्ज कर राष्ट्र भर में तीसरा सरकारी जिला हॉस्पिटल के तौर पर सुर्खियां बटोरी थीं योजना के लागू होने के इन पांच सालों में रांची सदर हॉस्पिटल ने ही अकेले 75,789 रोगियों का उपचार कर एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है लोगों ने आयुष्मान के अनुसार मिलने वाले हेल्थ इंश्योरेंस कवर के अनुसार 34 करोड़ से अधिक राशि का क्लेम (प्री ऑथ) कराया है

रांची सदर हॉस्पिटल की टीम को भी मिल रहा आयुष्मान योजना का लाभ

सदर हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के अनुसार सूचीबद्ध स्वीपर से लेकर पैरा मेडिकल स्टॉफ और चिकित्सक तक को कुछ न कुछ इन्सेंटिव प्राप्त हो रहा है आय का फायदा पूरी टीम को मिल रहा है रोगियों के आखिरी दावों का भी इसी अनुरूप निबटारा कर दिया जाये, तो उसके मुताबिक वह अपनी रोंगों पर स्वयं की 30 करोड़ से अधिक राशि बचा पाने में सफल रहे हैं

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