मनरेगा और माइनिंग लीज मामले में 30 जून को होगी अगली सुनवाई

उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बोला कि शेल कंपनी, मनरेगा और माइनिंग लीज मुद्दे में पंजीकृत जनहित याचिकाओं की सुनवाई तबतक चलती रहेगी जबतक इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय से कोई स्टे आर्डर नहीं आ जाता है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में इस मुद्दे की सुनवाई हुई. न्यायालय ने इस मुद्दे की अगली सुनवाई की तारीख 30 जून तय की है.
राज्य गवर्नमेंट की तरफ से इस मुद्दे में कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. वहीं सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई की अबतक मुख्यमंत्री की तरफ से पक्ष रख रहे अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने वकालतनामा ही नहीं जमा किया है. इसपर न्यायालय ने उन्हें आज और कल के बीच में संबंधित वकालतनामा जमा करने का भी निर्देश दिया.
वहीं में सोरेन की तरफ उच्चतम न्यायालय में पंजीकृत एसएलपी के सम्बन्ध में न्यायालय ने साफ़ तौर पर बोला कि उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय को याचिका के मेंटेबलटी पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था. उसके बाद सोरेन से संबंधित याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई है. न्यायालय ने बोला जबतक इस मुद्दे में कोई स्टे आर्डर नहीं आ जाता है तबतक सुनवाई चलेगी उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय को याचिका के मेंटेवलटी पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था. उसके बाद हेमंत सोरेन से संबंधित याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई.
दरअसल इस मुद्दे में आईए दाखिल कर सोरेन की तरफ से और समय मांगा गया था. अपने आवेदन में सोरेन की तरफ से बोला गया कि उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दाखिल की गयी है इसलिए उसका आदेश आने तक अभी सुनवाई तीन सप्ताह तक स्थगित कर दी जाए.
इससे पहले 3 जून को न्यायालय ने उस याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए उसकी विस्तृत सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की. पिछली सुनाई के दौरान गवर्नमेंट की ओर से उनके वकील कपिल सिब्बल के कोविड-19 से संक्रमित होने की दलील देकर सुनवाई टालने का आग्रह किया गया था. जिसके बाद न्यायालय ने सुनाई की तिथि 23 जून निर्धारित की थी.