धनबाद के कई सरकारी दफ्तरों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे हुई खराब

धनबाद के कई सरकारी दफ्तरों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे हुई खराब

जिले के कई जरूरी सरकारी दफ्तरों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे खराब हैं. कैमरे लगाने का मकसद था सुरक्षा प्रबंध काे मजबूत करना और करप्शन पर लगाम लगाना. कैमराें से जुड़ा माॅनिटर अधिकारी के पास रहता है, ताकि वे पूरे कार्यालय की गतिविधियाें पर नजर रख सकें. लेकिन, कई दफ्तराें में लगे कैमरे 6 या 8 माह से खराब हैं.

कई दफ्तराें में वे कब से खराब हैं, किसी काे पता ही नहीं है. यह भी नहीं पता कि वे तकनीकी वजहाें से खराब हाे गए या फिर उन्हें जान-बूझकर खराब कर दिया गया. दैनिक मीडिया ने शुक्रवार काे 12 जरूरी दफ्तराें में लगे सीसीटीवी कैमराें की पड़ताल की. इन सभी कार्यालयों में हर राेज बड़ी संख्या में बाहरी लाेगाें का आना-जाना रहता है और कुछ जगहाें पर करप्शन के आराेप भी लगते रहे हैं.

हर स्थान लिखा मिला- आप सीसीटीवी कैमरे की नज़र में हैं, लेकिन अधिकांश जगहाें पर यह महज दिखावटी नारा मात्र लगा. 3 दफ्तराें – धनबाद अंचल कार्यालय, डीईओ कार्यालय और ग्रामीण विकास विभाग कार्यालय के सभी कैमरे खराब मिले. 4 अन्य दफ्तराें में भी अधिकांश खराब थे. अफसराें ने उन्हें ठीक कराने की आवश्यकता भी नहीं समझी. मतलब साफ है कि वे सुरक्षा या करप्शन राेकने के प्रति गंभीर नहीं हैं.

एडीएम भी जता चुके संदेह

मामला गंभीर इसलिए है कि हाल ही में निबंधन कार्यालय के रिकाॅर्ड रूम में बाहरी लाेगाें की बेरोकटाेक आवाजाही का खुलासा मीडिया ने किया था. यह भी बताया था कि वहां लगा कैमरा काफी समय से खराब था.

इसी का लाभ उठाकर उस संवेदनशील कमरे में बाहरी लाेग घुसे रहते थे. एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने भी जांच की थी और मुद्दे काे संदिग्ध पाया था. कैमरे कहीं जानबूझ ताे खराब नहीं कर दिए गए, इसकी जांच कराने की आवश्यकता भी जताई थी.

यहां खराब मिले कैमरे

डीडीसी कार्यालय, डीएसई कार्यालय, डीईओ कार्यालय, डीटीओ कार्यालय, ग्रामीण विकास विभाग, सिविल सर्जन कार्यालय, धनबाद अंचल कार्यालय.

यहां सभी कैमरे ठीक

डीसी कार्यालय, डीएमओ कार्यालय, वन विभाग, गाेविंदपुर अंचल कार्यालय, धनबाद नगर निगम.