झारखण्ड

होली पर अगर यहां कुंवारी लड़कियों पर रंग डाला तो करनी पड़ेगी शादी

होली पर इस राष्ट्र में कई परंपराएं निभाई जाती हैं कई प्रथाएं तो अनोखी हैं कुछ ऐसी ही परंपरा झारखंड में भी देखने को मिलती है यहां होली में संथाल समाज में कुंवारी कन्याओं पर रंग नहीं डाला जाता है इसके पीछे की अनोखी वजह है और यदि किसी ने उन पर रंग डाला या लगा दिया तो उसे जुर्माना भी चुकाना पड़ता है

झारखंड के जाने-माने साहित्यकार मनोज करपरदार ने कहा कि संथाल समाज में स्त्रियों को काफी इज्जत और मान दिया जाता है यही कारण है कि हजारों वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है कि कुंवारी कन्याओं पर रंग नहीं डाला जाता है होली पर कई बार देखा जाता है कि लड़के अमर्यादित व्यवहार भी करने लगते हैं या फिर मर्यादा भूल जाते हैं ऐसे में पूर्वजों द्वारा यह नियम निकाला गया था जो आज तक लागू है

करनी पड़ जाएगी शादी
मनोज करपरदार ने Local 18 को कहा कि पूर्वजों द्वारा नियम निकाला गया था की होली पर कुंवारी कन्याओं को कोई भी गैर पुरुष रंग नहीं लगाएगा न ही दूर से उस पर रंगों की बौछार करेगा यदि कोई पुरुष ऐसा करता है तो उसे उस लड़की से विवाह करनी पड़ेगी युवतियों पर रंग उनके पति या भाई ही लगा सकते हैं उनके साथ उनका एक पवित्र रिश्ता है, लेकिन अनजान आदमी रंग नहीं लगा सकता

पूर्वजों के नियम का आज भी पालन
साहित्यकार ने Local 18 को आगे कहा कि स्त्रियों की पवित्रता कायम रहे और स्त्रियों के साथ होली पर किसी तरह का अमर्यादित व्यवहार या पर्व के नाम पर कोई अश्लीलता न हो, इसे देखते हुए पूर्वजों ने यह नियम बनाया था इस नियम का कठोर रूप से आज भी पालन हो रहा है इसलिए विवाह जैसे बंधन में बांधने की शर्त रख दी गई थी यही कारण है कि आज भी इस कड़े नियम के कारण स्त्रियों पर रंग नहीं डालते

महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की बात
मनोज बताते हैं कि स्त्रियों की सुरक्षा और सम्मान को देखते हुए पूर्वजों ने यह नियम निकाला था, ताकि होली पर निश्चिंत होकर कुंवारी कन्याएं अपनी टोली के साथ जमकर होली खेलें बिना किसी अभद्रता के पर्व को पर्व की तरह मनाएं अन्य पुरुष पर्व की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखें

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