झारखण्ड

मशेदपुर मारवाड़ी समाज की नवविवाहिताओं ने गणगौर स्वरूप शिव-पार्वती की पूजा कर निकाली बिंदौरी

सिटी रिपोर्टर| जमशेदपुर मारवाड़ी समाज में चल रहे गणगौर उत्सव से शहर में धार्मिक माहौल बना हुआ है. गुरुवार को गणगौर पूजन करने वाली नवविवाहिताओं ने गणगौर स्वरूप शिव-पार्वती की पूजा कर बिंदौरी निकाली.

मायके में बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर लंबी उम्र और खुशहाली कि प्रार्थना की तो भाइयों ने भी बहनों को उपहार देकर उनका सम्मान बढ़ाते हुए रक्षा करने का वादा किया. मानगो रामकृष्ण कॉलोनी निवासी आकाश शाह की पत्नी ममता शाह विवाह के बाद पहली गणगौर पूजा पश्चिम बंगाल आसनसोल स्थित मायके में कर रही है. उन्होंने विवाह के बाद पहली बार गणगौर की बिंदौरी निकाली. वहीं, इशिका अग्रवाल आदित्यपुर आशियाना गार्डेन में पूजा कर रही हैं. यहां स्त्रियों ने गणगौर को पानी पिलाया. पूजा के बाद सुहाग की निशानी कांच की चूड़ियां, महावर, सिंदूर, रोली, मेहंदी, टीका, बिंदी, कंघा, काजल, लाल चुनरी, प्रसाद आदि चढ़ाई. नाच-गाना किया. सीमा अग्रवाल ने कहा आज बिंदौरी निकालने रस्म निभाई गई. इसमें मिट्टी से बने इसर गौर को चांदी की अंगूठी से पानी पिलाने की रस्में निभाई गई. वहीं, चना, गेहूं और चीनी से बने प्रसाद का भोग लगाया गया. इसके अलावे स्त्रियों ने अपनी-अपनी पसंद की चीजें भी प्रसाद स्वरूप भोग लगाईं. राजस्थानी गीतों की मधुर आवाज के साथ गणगौर के साथ स्त्री और कन्याओं ने एकत्रित होकर पहले गणगौर के पूजा की, फिर लोक नृत्य करके खुशियां मनाई. गौरी पूजन के बाद ईसर-गौर का भेष धारण करके घूमर किया. नवविवाहिताओं के 16 दिवसीय गणगौर उत्सव का समाप्ति 11 अप्रैल को गणगौर विसर्जन के साथ होगा. पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन साकची शाखा की ओर से दोपहर 2.30 बजे साकची ठाकुरबाड़ी मंदिर में सामूहिक पूजा की जाएगी. वहीं, राजस्थान पुरुष मंडल की ओर से जुगसलाई एमई रोड स्थित मंडल भवन में भी सामूहिक गणगौर पूजा की जाएगी. इसके अलावे कदमा लक्ष्मीनारायण मंदिर और सोनारी राजस्थान भवन में सामूहिक पूजा होगी. शहर के विभिन्न क्षेत्रों से मारवाड़ी महिलाएं मानगो स्वर्णरेखा नदी पहुंचेंगी और घोड़े को पानी पिलाकर ईसर-गणगौर की पूजा कर विसर्जन करेंगी.

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