झारखण्ड

न्यायालय के आदेश पर दखल दिहानी के तहत पहुंचे पुलिस की टीम ने दिलाया कब्जा

कथारा कथारा बोडिया बस्ती स्थित हौंडा शोरूम और तोरण द्वार के नजदीक मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर दखल दिहानी के अनुसार पहुंचे मजिस्ट्रेट एवं पुलिस की टीम द्वारा कब्जा दिलाया गया. हालांकि इस दौरान ग्रामीणों और दुकान संचालक द्वारा इसका विरोध किया गया.

परंतु मौके पर कोर्ट द्वारा नियुक्त मजिस्ट्रेट बेरमो प्रखंड के जूनियर इंजीनियर अजीत कुमार शाह, तेनुघाट व्यवहार कोर्ट के नाजिर आरके गुप्ता, नजारत कर्मी रितेश कुमार, बोकारो थर्मल थाना प्रभारी शैलेंद्र कुमार सिंह, कथारा ओपी प्रभारी जीतेश कुमार के नेतृत्व में झंडा गाड़ने सहित अन्य कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी करने के दौरान उक्त जमीन पर बने दुकान को जेसीबी मशीन से ध्वस्त करते हुए मंजर हुसैन को कब्जा दिलाया गया. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए बोकारो थर्मल थाना, कथारा ओपी सहित बोकारो जिला पुलिस लाइन के स्त्री पुरुष जवानों की भारी संख्या में तैनाती की गई थी. मजिस्ट्रेट के सामने ग्रामीण एवं दुकान संचालक घनश्याम महतो ने अपना पक्ष रखा.

जिसपर मजिस्ट्रेट का बोलना था कि यदि कोई बात है तो आप लोग कोर्ट में आवेदन देकर कानूनी ढंग से अपनी बातों को रखें. ज्ञात हो कि इसके पूर्व कई बार कोर्ट द्वारा भेजे गए मजिस्ट्रेट एवं पुलिस की टीम को लगभग 4 से 5 बार दखल दिहानी के दौरान ग्रामीणों और दुकान संचालक के विरोध के कारण वापस लौटना पड़ा था. ग्रामीणों एवं उक्त जमीन के दुकानदार घनश्याम महतो का इल्जाम था कि मंजर हुसैन द्वारा गलत ढंग से उक्त जमीन को अपने नाम पर करा लिया गया है. जबकि उक्त जमीन पूर्वजों के समय से उनकी है.

अपने अधिकार के लिए जिला और हाई कोर्ट की शरण में जाएंगे. इधर कथारा निवासी मंजर हुसैन का बोलना था कि उक्त जमीन हमारे पूर्वजों की है. इस जमीन को लेकर तेनुघाट सिविल न्यायालय में खाता नंबर 40 प्लाट नंबर 635 और 638 में अन्य लोग द्वारा जमीन कब्ज़ा कर लेने को लेकर सीसीएल मुख्यालय रांची दरभंगा हाउस, महाप्रबंधक कथारा, वित्त प्रबंधक कथारा क्षेत्र और परियोजना पदाधिकारी कथारा को पार्टी बनाते हुए साल 2011 में केस दाखिल किया गया था. इसके आलोक में साल 2017 में मंजर हुसैन को एक तरफा डिग्री मिला था. इसके बाद से दखल दिहानी का कोशिश किया जा रहा था.

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