थैलेसीमिया मरीजों के लिए झारखंड में यहां लगेगा कैंप
थैलेसीमिया एक ऐसी रोग है, जिसमें शरीर में रक्त ही नहीं बनता यानी शरीर के तंत्र खून बनाने में असमर्थ होते हैं। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि गोड्डा में 80 से अधिक ऐसे बच्चे हैं, जो इस रोग से ग्रसित हैं। इनको हर महीने खून की आवश्यकता होती है। इस रोग का एकमात्र उपचार बोन मेरो ट्रांसप्लांट है, यानी परिवार के किसी सदस्य का बोन मेरो रोगी में प्रत्यारोपण किया जाता है।
इस ऑपरेशन में लाखों का खर्च है जो गरीब परिवार वहन नहीं कर सकते हैं। लेकिन, अब थैलेसीमिया के रोगियों को चिंता करने की कोई बात नहीं है। इसका उपचार मुफ़्त कराया जाएगा। गोड्डा में इसके लिए एक जांच कैंप लगाया जा रहा है, जहां नारायणा हॉस्पिटल बेंगलुरु से डॉक्टरों की टीम पहुंच रही है। टीम थैलेसीमिया पीड़ित रोगियों की जांच करेगी। फिर मुफ़्त ऑपरेशन के लिए उनको बेंगलुरु बुलाया जाएगा।
पहले होगी जांच
बेंगलुरु स्थित नारायणा हॉस्पिटल में हेमेटोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ सुनील भट्ट ने वीडियो जारी कर बोला कि 18 मई को गोड्डा के अग्रसेन भवन में उनकी टीम द्वारा कैंप लगाया जाएगा। जहां थैलेसीमिया के रोगियों की मुफ़्त जांच की जाएगी। इसके बाद आवश्यकता के हिसाब से रोगी को नारायणा हॉस्पिटल बेंगलुरु बुलाया जाएगा, जहां रोगी का ऑपरेशन किया जाएगा।
कई जिलों से हुए रजिस्ट्रेशन
कैंप में जांच कराने के लिए के लिए रोगी को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। गोड्डा के सदर हॉस्पिटल स्थित ब्लड बैंक में फ्री रजिस्ट्रेशन जारी है। अभी तक करीब 50 रोगियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें गिरिडीह, पाकुड़, साहिबगंज, दुमका, देवघर और गोड्डा के रोगी शामिल हैं।
कैसे होगा इलाज
इस रोग के उपचार के लिए थैलेसीमिया पीड़ित रोगी को कैंप में लाना है। साथ ही परिवार से उसे बोन मेरो डोनेट करने वाले सदस्य को भी आना होगा। डॉक्टरों की टीम दोनों की जांच करेगी। फिर बोन मेरो ट्रांसप्लांट के लिए बेंगलुरु बुलाया जाएगा। जहां उनका मुफ़्त ऑपरेशन कराया जाएगा