झारखण्ड

झारखंड में एनटीपीसी बिजली और कोयला खनन क्षेत्र में 50 हजार करोड़ से अधिक का हो चुका निवेश

रांची, 3 अप्रैल (हि). एनटीपीसी कोयला खनन मुख्यालय के सीइओ अनिमेष जैन ने बोला कि राज्य में एनटीपीसी बिजली और कोयला खनन के क्षेत्र में 50 हजार करोड़ से अधिक का निवेश कर चुका है. उन्होंने कहा कि एनटीपीसी कोयला खनन अब एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड के नाम से जाना जाता है, जो एनटीपीसी की स्वामित्व वाली कंपनी है. अनिमेष जैन एनटीपीसी मुख्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.

एनएमएल द्वारा वित्तीय साल 2023-24 में झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की कोयला खदानों से रिकॉर्ड 34.39 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कोयले का उत्पादन किया गया है. इसमें 34:15 मिलियन मीट्रिक टन का डिस्पैच किया गया है. इसकी आपूर्ति एनटीपीसी के विभिन्न पावर प्लांटों में की गयी है. उन्होंने कहा कि झारखंड स्थित पकरी बरवाडीह कोयला खदान से 16.31 मिलियन मीट्रिक टन, चट्टी बरियातू कोयला खदान से 3.30 मिलियन मीट्रिक टन और केरेडारी कोयला खदान से 0.24 मिलियन मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ है.

उन्होंने कहा कि एनटीपीसी कोयला खनन ने क्रमशः 1.8 एलएमटी और 1.29 एलएमटी का एक दिन का सबसे अधिक कोयला उत्पादन और प्रेषण हासिल किया. कोयला उत्पादन केरेनदारी कोयला खनन परियोजना से प्रारम्भ हो गया है, जो एनटीपीसी की पांचवीं कैप्टिव खान है. एनटीपीसी की सभी पांच प्रचालनात्मक कोयला खदानों ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है और उनसे अधिक कार्य कर लिया है तथा भविष्य में नए मानक स्थापित करने के लिए कमर कस ली है. उन्होंने कहा कि दुलंगा कोयला खनन परियोजना ने कोयला मंत्रालय, हिंदुस्तान गवर्नमेंट से पांच स्टार रेटिंग हासिल की है और यह पिछले तीन सालों से राष्ट्र की शीर्ष तीन खानों में से एक है.

एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (एनएमएल), एनटीपीसी लि के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी को कोयला मंत्रालय द्वारा एनटीपीसी को पहले आबंटित छह कोयला खानों के लिए संशोधित आबंटन करार प्राप्त हुए हैं. एनएमएल ने कोयला मंत्रालय द्वारा आयोजित कोयला ब्लॉक नीलामी के अनुसार झारखंड राज्य में उत्तरी धाडू (पूर्व) कोयला ब्लॉक भी जीता है. इसके अलावा, एनएमएल को सीआरआईएसआईएल और केयर से एएए की क्रेडिट रेटिंग मिली है. उन्होंने कहा कि आज की तारीख तक, एनटीपीसी ने उत्पादन की आरंभ से अपनी पांच प्रचालनात्मक कैप्टिव कोयला खानों (अर्थात झारखंड में पकरी बरवाडीह और चट्ट-बरियातू और केरेनदारी कोयला खदानों, ओडिशा में दुलंगा कोयला खान और छत्तीसगढ़ में तलाईपल्ली कोयला खान) से लगभग 103 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कोयले का उत्पादन किया है.

उन्होंने कहा कि एनएमएल एनटीपीसी थर्मल उत्पादन का 13 फीसदी ईंधन भर रहा है, जिससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता में सहयोग दे रहा है और प्रति साल 100 मिलियन टन की क्षमता तक पहुंचने की कल्पना करता है. कोयला उत्पादन और प्रेषण में एनएमएल की गौरतलब वृद्धि परिचालन उत्कृष्टता के प्रति सरेंडर और हिंदुस्तान की ऊर्जा मांगों को पूरा करने में इसके सहयोग का एक वसीयतनामा है. कंपनी अपने प्रदर्शन को और बढ़ाने और राष्ट्र के ऊर्जा लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए नवीन तकनीकों और सुरक्षा प्रथाओं को लागू करना जारी रखेगी.

 

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