झारखण्ड

झारखंड के टेंडर कमीशन और कैश स्कैंडल में ED ने आईएएस मनीष रंजन को जारी किया समन

रांची. झारखंड के रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के टेंडर कमीशन और कैश स्कैंडल में प्रवर्तन निदेशालय ने अब एक सीनियर आईएएस मनीष रंजन को समन जारी किया है. उन्हें 24 मई को रांची के एयरपोर्ट रोड स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में मौजूद होने को बोला गया है. मनीष रंजन अभी पथ निर्माण एवं भवन विभाग के सेक्रेटरी हैं.

इसके पहले वह रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने 6-7 मई को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम एवं कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर की गई छापेमारी में 37 करोड़ के अधिक कैश के अतिरिक्त कई कागजात और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए थे.

इन साक्ष्यों के आधार पर जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में कमीशनखोरी के संगठित खेल का खुलासा हो रहा है. आईएएस मनीष रंजन को इस कमीशनखोरी नेटवर्क की अहम कड़ी बताया जा रहा है.

ईडी ने इस स्कैम में अरैस्ट किए गए मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल एवं जहांगीर आलम से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की और इसके बाद न्यायालय में मंगलवार को एक एक्सेल शीट एवं कागजात पेश किए.

इन कागजात में कहा गया है कि जिन लोगों के बीच कमीशन की राशि बंटती रही है, उनके नाम कोर्ड वर्ड में एच, एम, एस, टीसी, सीई आदि लिखे गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने कोड वर्ड्स को डिकोड किया है.

इसके अनुसार, “एच का अर्थ ऑनरेलबल मिनिस्टर और एम का अर्थ मनीष है. एच यानी ‘ऑनरेबल मिनिस्टर’ आलमगीर आलम इस मुद्दे में 15 मई को अरैस्ट किए जा चुके हैं और अब एम अर्थात मनीष रंजन भी जांच के रडार पर आ गए हैं.

पिछले दो सालों में प्रवर्तन निदेशालय ने सीनियर आईएएस पूजा सिंघल और छवि रंजन को मनी लॉन्ड्रिंग के भिन्न-भिन्न मामलों में अरैस्ट किया है. जबकि, दो अन्य आईएएस राजीव अरुण एक्का एवं रामनिवास यादव से पूछताछ हो चुकी है. मनीष रंजन पांचवें आईएएस हैं, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है.

 

Related Articles

Back to top button