झारखंड के इंटर कॉलेजों में एडमिशन के लिए जैक ने कम कर दी सीटें
जमशेदपुर : झारखंड के इंटर कॉलेजों में एडमिशन के लिए जैक ने सीटें कम कर दी है। स्थापना अनुमति प्राप्त कॉलेजों में प्रत्येक संकाय में 128, स्थायी प्रस्वीकृति प्राप्त इंटर कॉलेजों में हर संकाय में 384, डिग्री संबद्ध कॉलेजों के हर संकाय में 256 जबकि अंगीभूत कॉलेजों के प्रत्येक संकाय में कुल 384 सीटें तय की गयी है। साथ ही स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि यदि किसी कॉलेज ने तय सीट से अधिक पर विद्यार्थियों का दाखिला लिया, तो झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) उनका पंजीयन नहीं करेगा।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा है। साथ ही सभी इंटर कॉलेजों के प्रिंसिपलों को इस संबंध में जरूरी गाइड लाइन देने को बोला है। विभागीय आदेश के बाद राज्य के इंटर कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों की धड़कनें बढ़ गयी है। कारण है कि अंगीभूत डिग्री कॉलेजों में संचालित इंटर के संचालन के लिए गवर्नमेंट की ओर से किसी प्रकार का कोई फंड नहीं दिया जाता है।
कॉलेज में जितने भी विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं, उन्हीं के फीस से होने वाली आमदनी से शिक्षकों का मानदेय दिया जाता है। हालांकि इस बार सभी संकाय में 128-128 सीटें कम कर दी गयी है। जिस रजह से एक कॉलेज में कम से कम 384 सीटें कम कर दी गयी है। जबकि पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या जस की तस रहेगी। विद्यार्थियों की संख्या घटने और शिक्षकों की संख्या पूर्व की भांति ही रहने से उनके मानदेय में भी कटौती करनी होगी। राज्य में 110 अंगीभूत और संबद्ध डिग्री कॉलेज हैं। इसमें 65 अंगीभूत जबकि 45 संबद्ध डिग्री कॉलेज हैं। इसमें पूर्वी सिंहभूम में 42 शैक्षणिक संस्थान हैं जहां इंटर की पढ़ाई होती है। इसमें 29 प्लस टू विद्यालय हैं। वहीं, 13 स्थापना अनुमति कॉलेज हैं।
इंटर कॉलेजों को किया जाना है बंद
राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति में इंटर की पढ़ाई को अंगीभूत डिग्री कॉलेज एवं संबद्ध डिग्री कॉलेजों में बंद करने को बोला गया है। लेकिन झारखंड गवर्नमेंट ने इस दिशा में इन्सानियत पूर्वक कार्रवाई करते हुए अचानक से कॉलेज बंद करने के बजाय धीरे-धीरे सीटें कम कर बंद करने की रणनीति तैयार की है। इसी कड़ी में प्रत्येक संकाय में 128-128 सीटें कम की जा रही है।
शिक्षा सचिव को लिखा गया पत्र
इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमा शंकर सिंह को एक पत्र भेजा है। जिसमें सीटें घटाने से होने वाली असुविधाओं की जानकारी दी गयी है। सीटों में की गयी कटौती पर इन्सानियत पूर्वक विचार करने की मांग की गयी है।
कॉलेजों को सीट के अनुरूप ही मिलेगा अनुदान, 30 सितंबर तक ही ले सकेंगे एडमिशन
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिए गये पत्र में यह भी साफ किया गया है कि कॉलेजों को आर्थिक सहायता भी निर्धारित सीट के अनुरूप ही मिलेगा। कॉलेजों के आर्थिक सहायता के लिए आवेदन निर्धारित सीट के आलोक में ही स्वीकार किया जायेगा। सीट से अधिक संख्या दिखाये जाने पर आर्थिक सहायता का आवेदन अस्वीकृत कर दिया जायेगा। किसी भी सत्र में नामांकन के के लिए आखिरी तिथि 30 सितंबर निर्धारित है। सभी कॉलेजों को 30 सितंबर तक नामांकन प्रक्रिया पूरी करने और उक्त तिथि के बाद नामांकन नहीं लेने का निर्देश दिया गया है।