झारखण्ड

कई जिलों की पुलिस के सिरदर्द बना दीपक श्रीवास्तव हुआ अरेस्ट

रांची कई जिलों की पुलिस के सिरदर्द बना दीपक श्रीवास्तव पुलिस के गिरफ्त में आ गया दीपक श्रीवास्तव पर रांची के साथ साथ कई जिलों में ठगी के मुद्दे दर्ज हैं तो कई अब भी कई मुद्दे कानून की दहलीज तक नहीं पहुंचे इसके पीछे वजह है दीपक का वो शातिराना दिमाग जिसे भांप पाना किसी के लिए सरल नहीं गवर्नमेंट के द्वारा कोई भी योजना लॉन्च की जाए उस योजना के साथ भले सरकारी अधिकारी आप तक पहुंचा पाने में असमर्थ हो, लेकिन दीपक उन योजनाओं का पिटारा लेकर सुदूर गांवों में पहुंच जाया करता था और लोगों को उस योजना के सब्जबाग दिखा कर पैसे ऐंठ लेता था कभी कृषि अधिकारी बन कर तो कभी बैंक का अधिकारी बनकर वो लोगों को अपने झांसे में लेता था

बता दें कि दीपक के पिता रेंजर थे और प्रारम्भ से ही ऑफिसरों की भाव- भंगिमा कैसी होती है, इसकी उसे पूरी जानकारी थी वहीं, पिता के देहांत के बाद अनुकंपा पर वन विभाग में दीपक की भी जॉब लगी जिस कारण उसे सरकारी कार्यालय और कम करने के ढंग की भी जानकारी मिल गई, लेकिन ठगी की उसकी आदत के कारण उसे जॉब से हांथ धोना पड़ा मूल रूप से आरा का रहनेवाला दीपक बड़े ही शातिराना अंदाज में ठगी किया करता था हर काम के लिए वो नयी टीम बनाता था और बड़े ही प्रोफेशनल ढंग से वो लोगों को भी उसमें चुनता था जिस कारण वो ठगी की घटना को अंजाम दे पाता था

वहीं, मुद्दे की जानकारी देते हुए रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि दीपक पूर्व में भी ठगी के मुद्दे में कारावास जा चुका है, लेकिन कारावास से निकलने के बाद फिर से वो ठगी की घटना को अंजाम दे रहा था वहीं, उन्होंने कहा कि आरोपी पर केवल रांची जिले में ही 7 मुकदमा दर्ज हैं, जबकि अन्य जिलों का लेखा जोखा अभी पुलिस खंगाल रही है

वहीं, ऐसी संभावना पुलिस को है कि दीपक के द्वारा कम से कम 25 से 30 करोड़ की ठगी की घटना को अंजाम दिया गया होगा बहरहाल, शातिर की पूरी कुंडली पुलिस निकाल रही है तो वहीं ऐसी भी आसार है कि जो लोग अबतक  इस शातिर के कारनामे की कम्पलेन लेकर थानों की दहलीज पर नहीं पहुंचे थे, वो अब पहुंचेंगे और शातिर के कारनामे पूरी तरह से बाहर आ पाएंगे

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