अब आराम से जाइये बक्सर से टाटा नगर, इस दिन से खुलेगी एक्सप्रेस ट्रेन
जमशेदपुर। बक्सर रेलवे स्टेशन पर 50 जोड़ी से अधिक ट्रेनों का ठहराव है। यहां से पटना, फतुहा, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और वाराणसी जैसे स्टेशनों के लिए मेमू ट्रेनें प्रारम्भ होती हैं, लेकिन पहली बार कोई एक्सप्रेस ट्रेन इस स्टेशन से चलेगी। टाटा-बक्सर एक्सप्रेस के रूप में बक्सर जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन से पहली बार कोई एक्सप्रेस ट्रेन चलने जा रही है। यह एक ऐतिहासिक होगा और शु्क्रवार से यह ट्रेन पहली बार बक्सर के लिए चलेगी।
बता दें कि लंबे समय से इस ट्रेन को बक्सर से खुलने की मांग की जा रही थी। रेलवे ने ट्रेन नंबर 18183-18184 टाटानगर-आरा एक्सप्रेस का बक्सर तक विस्तार करने का निर्णय किया है। यह ट्रेन टाटा के लिए बक्सर से अहले सुबह 3.30 बजे ही खुलेगी और शाम को 5.20 बजे टाटानगर पहुंचेगी। वहीं, वापसी में ट्रेन टाटानगर से सुबह 8.15 बजे खुलेगी और 22.50 बजे बक्सर पहुंचेगी। इस तरह इस ट्रेन से आने वाले देर रात को बक्सर पहुंचेंगे।
बता दें कि यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर टाटानगर और आरा के मध्य परिचालित की जा रही 18183/18184 टाटानगर-आरा-टाटानगर एक्सप्रेस का परिचालन विस्तार बक्सर तक करने का फैसला लिया गया है। यह परिचालन विस्तार टाटानगर से दिनांक 8 मार्च 2024 से खुलने वाली तथा बक्सर से दिनांक 9 मार्च 2024 से खुलने वाली से कारगर होगा।
दिनांक 8 मार्च 2024 से टाटानगर से खुलने वाली गाड़ी संख्या 18183 टाटानगर-आरा-बक्सर एक्सप्रेस टाटानगर से 8.15 बजे खुलकर 20.30 बजे आरा पहुंचेगी। इसके बाद यहां से यह 20.40 बजे खुलकर 20.52/20.54 बजे बिहिया, 21.4/21.06 बजे रघुनाथपुर, 21.18/21.20 बजे डुमरांव रुकते हुए 22.50 बजे बक्सर पहुंचेगी।
वापसी में, दिनांक 9 मार्च 2024 से गाड़ी सं। 18184 बक्सर-आरा-टाटानगर एक्सप्रेस बक्सर से 3.30 बजे खुलकर 3.44/3.46 बजे डुमरांव, 3.58/4.00 बजे रघुनाथपुर, 4.10/4.12 बजे बिहिया रुकते हुए 4.50 बजे आरा पहुंचेगी और वहां से 5.00 बजे खुलकर 17.20 बजे टाटानगर पहुंचेगी। टाटानगर और आरा के बीच गाड़ी सं। 18183/18184 का समय एवं ठहराव पूर्ववत रहेगा।
वैसे इस ट्रेन के बक्सर आने और यहां से खुलने का समय थोड़ा अटपटा है। इससे दूर दराज क्षेत्र के लोगों को कठिन होगी। क्षेत्रीय लोगों का बोलना है कि रेलवे को चाहिए था कि यात्रियों के लिए आगमन और प्रस्थान दोनों शाम या सुबह होता तो काफी अच्छा होता। फिर भी इस ट्रेन का बक्सर से खुलना एक ऐतिहासिक निर्णय है।