अगर आप भी बनवा रहे हैं नया मकान तो जरूर लगवाएं यह चीज…
पानी जिसके बिना किसी के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। कहते हैं मनुष्य के शरीर में 75% पानी है। वहीं पृथ्वी पर पीने योग्य पानी 3% ही है। जिसका 75% उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा है। इसके अतिरिक्त 25% पानी झील, नदी और तालाब में है। जिसे इस्तेमाल में लाया जाता है। गर्मी के मौसम में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोग जल संकट से जूझते हैं। वहीं देखा जा रहा है कि भूगर्भीय जल स्तर धीरे धीरे नीचे चला जा रहा है, जो भविष्य के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इससे बचने के लिए सिर्फ़ एक तरीका है ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग। इसके लिए गवर्नमेंट लगातार अभियान चला रही है।
वाटर ग्राउंड वाटर रिचार्जिग सिस्टर एक ऐसा प्रक्रिया है जिससे हम भू गर्भीय जलस्तर को बचा सकते हैं। इसके लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाया जा सकता है, जो अपने घर के छत के पानी को पाइप लाइन से जोड़कर जमीन के अंदर अंडरग्राउंड सोखपेट की सहायता से बना सकते हैं। इससे छत के पानी को भूगर्भीय जल को रिचार्ज किया जा सकता है। जिससे भूगर्भीय जल स्तर में बढ़ोतरी होगी।
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर होल्डिंग टैक्स में रियायत
पलामू नगर आयुक्त एमडी जावेद हुसैन ने मीडिया को कहा कि पलामू जिला का क्षेत्र ड्राई जोन में आता है। गर्मी के मौसम में यहां का जल स्तर बहुत नीचे चला जाता है। यदि भविष्य के बारे में देखे तो भूगर्भीय जल स्तर इतना नीचे चला जायेगा जिसे ऊपर ला पाना बहुत कठिन होगा। इससे रिचार्ज करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाना महत्वपूर्ण है। इसके लिए नगर निगम द्वारा होल्डिंग टैक्स में रियायत भी दी जा रही है।
नए मकान बनाने वाले लोग इस सिस्टम को जरूर अपनाएं। इतना हीं नहीं नगर निगम क्षेत्र में उपस्थित सभी लोग अपने घर में ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग का तरीका करें। उन्होंने कहा कि मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर, आवासीय भवन और बड़े बड़े व्यवसायिक द्वारा इसे लगाया गया है। निगम क्षेत्र में अबतक 20% लोग ही इसे लगा सके हैं। अभी भी 80% वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर लोग सतर्क नहीं हैं। उन्होंने बोला कि यदि लोग इसे लगवाते हैं तो होल्डिंग टैक्स में उन्हें कुछ छूट भी दी जाएगी।
नए भवन में वाटर हार्वेस्टिंग लगाना जरूरी
निगम क्षेत्र में नए भवन निर्माण कर रहे लोगों को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाना बहुत महत्वपूर्ण है, नहीं तो झारखंड नगर निगम के अनुसार उन्हें होल्डिंग टैक्स के साथ 50% पेनाल्टी भरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अबतक लगभग दो से ढाई हजार भवन में इस सिस्टम को लगाया गया है। वहीं लगातार लोगों से अपील को जा रही है कि ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग के लिए इस सिस्टम को अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें अधिक खर्च भी नहीं आता है।
छत के पानी को पाइप लाइन की सहायता से अंडरग्राउंड हार्वेस्टिंग सिस्टम में भेजना होता है। उन्होंने कहा कि नए भवन निर्माण के लिए बनाए जा रहे नक्शे में वाटर हार्वेस्टिंग का भी नक्शा बनवाया जा रहा है। वहीं पुराने भवन के मालिकों को इस सिस्टम को लगाने के लिए अपील की जा रही है। जिसका असर कुछ लोगों पर हुआ है और लोगों को इसका असर भी देखने को मिला है।