अंतर्राष्ट्रीय

UN ने की म्यांमार के रखाइन में हिंसा की कड़ी निंदा

जिनेवाः संयुक्त देश मानवाधिकार कार्यालय ने म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्याओं के सिर कलम किए जाने समेत अन्य अत्याचार की कड़ी आलोचना की है. यूएन ने ताजा अत्याचार के असर के बारे में “भयानक और परेशान करने वाली खबर” के बारे में शुक्रवार को चेतावनी दी, जो सेना और उससे लड़ने वाले एक जातीय सशस्त्र समूह द्वारा रोहिंग्या नागरिकों पर ताजा हमलों की ओर इशारा करती है. संयुक्त देश मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की प्रवक्ता लिज थ्रोसेल ने हाल के सप्ताहों में हुई अत्याचार का हवाला दिया, जिसमें बुथिदाउंग शहर में आगजनी, हवाई हमले, निहत्थे ग्रामीणों पर गोलीबारी, सिर कलम करने की खबरों का उल्लेख किया.

जिनेवा में एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘हमें म्यांमार के रखाइन प्रांत से दिल दहलाने और परेशान करने वाली खबों मिल रही है, जो वहां जारी अत्याचार के कारण लोगों के जानमाल के संकट की स्थिति को दर्शाती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘रोहिंग्या नागरिकों की मर्डर और उनकी संपत्ति को जलाने जैसे गंभीर इल्जाम चिंतित करने वाले हैं.’’ उन्होंने उपग्रह की तस्वीरों, लोगों के बयानों और औनलाइन वीडियो का हवाला देते हुए बोला कि हाल के दिनों में हुई अत्याचार के कारण बुथिदाउंग में हजारों लोग बेघर हो गए हैं. औनलाइन वीडियो से पता चला है कि बड़े पैमाने पर शहर में आगजनी की गई है. उन्होंने बोला कि पड़ोसी माउंगदो में प्रारम्भ हुए संघर्ष के कारण ‘‘स्पष्ट तौर पर यह अत्याचार फैली है.

म्यांमार की सेना पर आरोप

थ्रोसेल ने म्यांमार की सेना और अराकान सेना द्वारा रोहिंग्या नागरिकों पर ताजा हमलों की आलोचना की. अराकान सेना रखाइन जातीय अल्पसंख्यक समूह के लड़ाकों की सेना है. अराकान सेना की सियासी शाखा ‘यूनाइटेड लीग ऑफ अराकान’ ने शुक्रवार देर रात औनलाइन माध्यम से जारी किए बयान में बोला कि युद्ध क्षेत्र में उपस्थित नागरिकों ने उनकी सेना के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में शरण ली थी. इसने बोला कि वह ‘‘जाति या धर्म की परवाह किए बगैर आंतरिक रूप से विस्थापित इन लोगों (आईडीपी) की सुरक्षा और देखभाल के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है.’’ हालांकि, रोहिंग्या कार्यकर्ताओं ने मौजूदा अत्याचार के लिए अराकान सेना को उत्तरदायी ठहराया है.

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