अंतर्राष्ट्रीय

पांच दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन इंडिया हाउस में मूर्तियों का किया अनावरण

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिंदुस्तान से चुराई गईं और हाल ही में इंग्लैंड में बरामद की गईं आठवीं सदी की दो मूर्तियों को स्वदेश भेजने के लिए बुधवार को लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता की

करीब 1970 के दशक के अंत और 1980 के दशक की आरंभ के बीच यूपी के लोखरी में एक मंदिर से चोरी हुई योगिनी चामुंडा और योगिनी गोमुखी की मूर्तियों को लंदन में भारतीय उच्चायोग ने इण्डिया प्राइड प्रोजेक्ट और आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल के योगदान से बरामद किया

जयशंकर ने ब्रिटेन की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के आखिरी दिन इण्डिया हाउस में मूर्तियों का अनावरण किया और बोला कि वह उनके स्वदेश लौटने का बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं

जयशंकर ने कहा, ‘‘आज यह जरूरी है कि हम एक-दूसरे की संस्कृति की सराहना करने की ओर अग्रसर हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान कानूनी, पारदर्शी और नियम-आधारित हो’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब कभी भी विचलन हुआ है और जब भी इन्हें ठीक किया गया है, मुझे लगता है कि यह बहुत जरूरी है’’
योगिनी योग कला स्त्री गुरुओं को संदर्भित करती है, जिसमें 64 दिव्य योगिनियों को लोखरी जैसे योगिनी मंदिरों में देवी के रूप में पूजा जाता है

यह शब्द थोड़ा अलग है क्योंकि यह देवी और निपुण उपासकों दोनों पर लागू होता है, जिनके बारे में माना जाता था कि वे मूर्तियों के सामने गुप्त अनुष्ठान करके देवी की कुछ शक्तियों को हासिल करने में सक्षम थे

माना जाता है कि लोखरी मंदिर में 20 योगिनी मूर्तियां हैं, जिन्हें जानवरों के सिर के साथ सुंदर स्त्रियों के रूप में चित्रित किया गया है
1970 के दशक में, मंदिर को बदमाशों के एक समूह ने निशाना बनाया था, जिनके बारे में माना जाता है कि वे राजस्थान और महाराष्ट्र से बाहर काम करते थे और स्विट्जरलैंड के माध्यम से यूरोप में स्मग्लिंग करते थे

उस समय अज्ञात संख्या में मूर्तियां चुरा ली गई थीं, अन्य को तोड़ दिया गया था, शेष मूर्तियों को बाद में हटा दिया गया था और क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा छिपा दिया गया था
‘आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल’ के क्रिस मैरिनेलो ने कहा, ‘‘यह पांचवीं बार है जब हम मिलान, ब्रसेल्स और लंदन में तीन बार सांस्कृतिक विरासत की जरूरी चीजों को हिंदुस्तान लौटाने में सफल रहे हैं

हम ‘इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट’ के साथ मिलकर काम करते हैं और जब वे इनमें से एक की पहचान करते हैं, तो हम एक सौहार्दपूर्ण निवारण तक पहुंचने के कोशिश में मालिकों के साथ वार्ता करते हैं’’

लंदन में भारतीय उच्चायोग में व्यापार और अर्थशास्त्र के प्रथम सचिव जसप्रीत सिंह सुखीजा हिंदुस्तान की खोई हुई कलाकृतियों को खोजने के लिए काम करने वाले संगठन ‘इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट’ के साथ इन मूर्तियों की खोज पर काम कर रहे हैं

ब्रिटेन में हिंदुस्तान के उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने कहा, ‘‘इन अवसरों पर हम जो करना चाहते हैं, उसका उद्देश्य कुछ स्वीकार्य और सौहार्दपूर्ण निवारण खोजना है ताकि हमारी विरासत वहां वापस जा सके जहां यह सबसे उपयुक्त है, जहां से यह आती है और जहां इसकी सबसे अधिक सराहना की जाती है

 



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