जासूसी सैटेलाइट को लेकर दक्षिण कोरिया ने तानाशाह किम जोंग को दी चेतावनी

दक्षिण कोरिया की सेना ने उत्तर कोरिया को उसकी जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण योजना पर आगे न बढ़ने की चेतावनी दी और सोमवार को बोला कि सियोल एक अंतर-कोरियाई शांति समझौते को निलंबित कर सकता है तथा प्रक्षेपण के जबाव में फिर से अग्रिम क्षेत्रों में हवाई नज़र प्रारम्भ कर सकता है। उत्तर कोरिया इस वर्ष की आरंभ में एक सेना जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के अपने पहले दो प्रयासों में विफल हो गया और अक्टूबर में उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने का तीसरा कोशिश नहीं किया।
रूसी तकनीक से जासूसी उपग्रह लॉन्च करने की कवायद
दक्षिण कोरिया के ऑफिसरों ने बोला कि उत्तर कोरिया उपग्रह प्रक्षेपित करने में संभवत: इसलिए देर कर रहा है क्योंकि उसे रूसी तकनीकी सहायता मिल रही है और वह आने वाले कुछ दिनों में प्रक्षेपण कर सकता है। दक्षिण कोरिया के वरिष्ठ सेना अधिकारी कांग होपिल ने उत्तर कोरिया से उसके तीसरे प्रक्षेपण कोशिश को तुरंत रद्द करने की अपील की। कांग ने एक बयान में कहा, ‘यदि उत्तर कोरिया हमारी चेतावनी के बावजूद सेना जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण प्रक्षेपित करता है, तो हमारी सेना लोगों के जीवन और उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगी।’
दक्षिण कोरिया के रक्षामंत्री ने कही ये बात
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री शिन वॉनसिक ने रविवार को सार्वजनिक प्रसारक ‘केबीएस’ के साथ एक इंटरव्यू में बोला कि प्रक्षेपण इस महीने के अंत में होने की आशा है और दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी अधिकारी उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। संयुक्त देश सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया द्वारा किसी भी उपग्रह प्रक्षेपण पर प्रतिबंध लगाती है क्योंकि वह इसे उसकी मिसाइल टेक्नोलॉजी का परीक्षण मानती है।
दक्षिण कोरिया ने लगाया ये आरोप
कांग ने बोला कि उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया की नज़र में सुधार के लिए एक जासूसी उपग्रह की आवश्यकता है, लेकिन इसके प्रक्षेपण का उद्देश्य उसके लंबी दूरी के मिसाइल कार्यक्रम को बढ़ावा देना भी है। दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर इल्जाम लगाया है कि वह रूस के युद्ध में समर्थन के लिए पारंपरिक हथियारों की आपूर्ति के बदले में अपनी परमाणु और अन्य सेना क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रूसी तकनीक प्राप्त कर रहा है।