दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से उत्तर कोरिया के बढ़ते मिसाइल परीक्षणों और धमकियों पर की ये अपील
संयुक्त राष्ट्र। दक्षिण कोरिया ने संयुक्त देश सुरक्षा परिषद से उत्तर कोरिया के बढ़ते मिसाइल परीक्षणों और धमकियों पर ‘खामोशी तोड़ने’’ की अपील की है।
संयुक्त देश के लिए दक्षिण कोरिया के राजदूत ह्वांग जूनकूक ने इस साल उत्तर कोरिया के पहले बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण पर सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘परिषद की खामोशी कैसे तोड़ी जाए यह एक बड़ा प्रश्न है।’’
उत्तर कोरिया ने 2006 में पहला परमाणु परीक्षण किया था जिसके बाद सुरक्षा परिषद ने उस पर प्रतिबंध लगाए और पिछले कुछ सालों में इन प्रतिबंधों को कठोर किया गया है। इन प्रतिबंधों का मकसद उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों पर रोक लगाना है। हालांकि ये प्रतिबंध असफल होते ही प्रतीत हुए हैं।
हाल में दोनों कोरियाई राष्ट्रों के बीच तल्खी बहुत बढ़ गई है।
कुछ समय पूर्व उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने बोला था कि उनका राष्ट्र अब दक्षिण कोरिया के साथ सुलह का कोशिश नहीं करेगा और उन्होंने युद्ध में विभाजित राष्ट्रों के बीच साझा देश के विचार को समाप्त करने के लिए उत्तर कोरिया के संविधान को फिर से लिखने का आह्वान किया। दोनों कोरियाई राष्ट्रों द्वारा साझा राष्ट्रीय एकरूपता की भावना पर आधारित एकीकरण के दशकों पुराने कोशिश को समाप्त करने का यह ऐतिहासिक कदम क्षेत्र में तनाव बढ़ने के बीच उठाया गया। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया से संबंध बनाए रखने से जुड़े अहम सरकारी संगठनों को भी खत्म कर दिया है।
बृहस्पतिवार को परिषद की बैठक से पहले अमेरिकी उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने संवाददाताओं से बोला कि किम के उकसावे ‘‘चिंता का विषय हैं।’’
उन्होंने बोला कि परिषद के 15 सदस्यों को यह याद दिलाने की आवश्यकता है कि उत्तर कोरिया प्रतिबंधों और परिषद के प्रति अपने दायित्वों का उल्लंघन कर रहा है, ‘‘और हमें इस बात पर बल देना होगा कि वह उन दायित्वों का पालन करें।’’
दक्षिण कोरिया के राजदूत ने बोला कि परिषद के सभी 15 सदस्य इस बात से चिंतित हैं कि उत्तर कोरिया की बयानबाजी और कार्रवाई ‘‘अधिक गंभीर होती जा रही है। लेकिन परिषद की खामोशी कैसे तोड़ी जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ा प्रश्न है। हम इस पर चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे।