सऊदी अरब पहली बार देश में शराबी की बिक्री की इजाजत देने की बना रहा है योजना
सऊदी अरब पहली बार राष्ट्र में शराव की बिक्री की इजाजत देने की योजना बना रहा है। सूत्रों ने कहा, शराब गैर-मुस्लिम राजनयिकों को ही बेची जाएगी। इन्हें पहले राजनयिक चैनल के जरिए शराब आयात करना पड़ती थी। 1952 में राजा अब्दुलअज़ीज़ के एक बेटे ने शराब पीने के बाद गुस्से में आकर एक ब्रिटिश राजनयिक की गोली मारकर मर्डर कर दी थी। इस घटना के वाद से ही सऊदी में शराब की बिक्री बैन है। सऊदी में शराब बिक्री पर जुर्माना, जेल, सार्वजनिक रूप से कोड़े लगाने की सजा शामिल है।
यह कदम सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में राज्य के प्रयासों में एक मील का पत्थर है, ताकि अति-रूढ़िवादी मुसलमान राष्ट्र को पर्यटन और व्यवसाय के लिए खोला जा सके क्योंकि इस्लाम में शराब पीना इंकार है। यह तेल-पश्चात अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए विज़न 2030 नामक व्यापक योजनाओं का भी हिस्सा है। दस्तावेज़ में बोला गया है कि नया स्टोर रियाद के डिप्लोमैटिक क्वार्टर में स्थित है, एक पड़ोस जहां दूतावास और राजनयिक रहते हैं और गैर-मुसलमानों के लिए कठोरता से प्रतिबंधित होगा। यह साफ नहीं था कि अन्य गैर-मुस्लिम प्रवासियों को स्टोर तक पहुंच मिलेगी या नहीं। सऊदी अरब में लाखों प्रवासी रहते हैं लेकिन उनमें से अधिकांश एशिया और मिस्र से आए मुसलमान कामगार हैं।
योजनाओं से परिचित एक सूत्र ने बोला कि स्टोर आने वाले हफ्तों में खुलने की आशा है। सऊदी अरब में शराब पीने के विरुद्ध कठोर कानून हैं जिसके लिए सैकड़ों कोड़े, निर्वासन, जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है और प्रवासियों को भी निर्वासन का सामना करना पड़ता है। सुधारों के हिस्से के रूप में, कोड़े मारने की सजा को बड़े पैमाने पर कारावास की सजा से बदल दिया गया है। शराब सिर्फ़ राजनयिक मेल के माध्यम से या काले बाज़ार में मौजूद है। सऊदी गवर्नमेंट ने टिप्पणी के निवेदन का उत्तर नहीं दिया। राज्य-नियंत्रित मीडिया ने इस हफ्ते रिपोर्ट दी कि गवर्नमेंट राजनयिक खेपों के भीतर शराब के आयात पर नए प्रतिबंध लगा रही है, जिससे नए स्टोर की मांग बढ़ सकती है।