Russian Election: पुतिन की टक्कर में कोई नहीं, अगले 12 साल तक कार्यकाल मिलना तय
रूस में शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ राष्ट्रपति चुनाव एक औपचारिकता भर है। शुक्रवार से रविवार तक चलने वाले इस चुनाव में राष्ट्रपति पुतिन को छह और वर्ष का कार्यकाल मिलना लगभग तय है। इससे वह जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे लंबे समय तक क्रेमलिन चीफ के तौर पर सेवा देने वाले बन जाएंगे।
पुतिन के सियासी विरोधी या तो कारावास में हैं या विदेश में निर्वासित हैं और उनमें से सबसे उग्र विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की हाल ही रूसी कारावास में मृत्यु हो गई। चुनाव में पुतिन के विरुद्ध केवल तीन ही लोग खड़े हैं लेकिन उनकी जीत की आशा शायद ही किसी को हो।
ऑनालाइन वोटिंग पर उठे सवाल
रूसी इतिहास में यह पहला मतदान है जो एक के बजाय तीन दिन तक चलेगा। चुनाव में रूस में पहली बार औनलाइन वोटिंग प्रणाली की आरंभ होगी। 29 क्षेत्रों के मतदाता औनलाइन वोटिंग कर सकते हैं। चुनाव के तुरंत बाद रिज़ल्ट घोषित किए जाएंगे।
पर्यवेक्षकों ने वोटिंग को तीन दिनों के लिए बढ़ाने और औनलाइन मतदान की अनुमति देने की निंदा करते हुए बोला है कि इस तरह की रणनीति चुनाव की पारदर्शिता में बाधा डालती है।
मतदान राष्ट्र के 11 ‘टाइम जोन’ (समय क्षेत्र) के साथ ही यूक्रेन के गैरकानूनी रूप से कब्जाए क्षेत्रों में मतदान केंद्रों पर भी होगा। यूक्रेन और पश्चिमी राष्ट्रों ने उन यूक्रेनी क्षेत्रों में मतदान कराने के लिए रूस की आलोचना की है जिन पर मॉस्को की सेनाओं ने कब्जा कर लिया है।
रूस में कुल 112.3 मिलियन लोगों को चुनाव में वोट डालने का अधिकार है। विदेश में अतिरिक्त 1.9 मिलियन लोग और बैकोनूर में 12,000 लोग, जो कजाकिस्तान में रूस द्वारा किराए पर लिया गया एक कॉस्मोड्रोम है, भी मतदान करने के पात्र हैं। 2018 के चुनाव में 67.5% वोटिंग हुई थी।
1999 के आखिर दिन बने थे कार्यवाहक राष्ट्रपति
पुतिन, जो 71 साल के हैं और केजीबी के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, को 1999 के अंतिम दिन बोरिस येलस्टिन द्वारा कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था।
इसके बाद वह 2000-2008 तक (दो चार-वर्षीय कार्यकाल) राष्ट्रपति पर रहे। 2008-12 से वह प्रधान मंत्री रहे जब दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति थे। इसके बाद वह 2012 में और फिर 2018 में राष्ट्रपति पद पर बने रहे। उन्होंने बढ़ते वोट शेयर के साथ पिछले चार राष्ट्रपति चुनाव जीते हैं: 2000 में 53%, 2004 में 71%, 2012 में 63.6% और 2018 में 76.7%।
2036 तक सत्ता में रहेंगे पुतिन?
पुतिन ने स्टालिन के बाद किसी भी अन्य रूसी शासक की तुलना में अधिक समय तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया है, यहां तक कि सोवियत नेता लियोनिद ब्रेझनेव के 18 वर्ष के कार्यकाल को भी पीछे छोड़ दिया है। वह अभी इस पद को छोड़ने के लिए तैयार भी नहीं दिखते हैं।
1993 के रूसी संविधान को उस समय पश्चिम में कुछ लोगों ने एक सकारात्मक विकास के रूप में देखा था। इन लोगों को आशा थी कि यह संविधान सोवियत संघ के विभाजन के बाद रूस में लोकतंत्र को बढ़ावा देगा।
इसमें मूल रूप से यह तय किया गया था कि एक राष्ट्रपति सिर्फ़ चार वर्ष की लगातार दो अवधि तक ही सेवा दे सकता है। हालांकि, 2008 में संशोधनों ने राष्ट्रपति पद के कार्यकाल को छह वर्ष तक बढ़ा दिया।
2020 में आगे के संशोधनों ने पुतिन के कार्यकाल को 2024 तक संभव बना दिया। इसके अतिरिक्त उन्हें 2024 से दो और छह-वर्षीय कार्यकाल की सेवा करने की अनुमति मिल गई। इसका मतलब है कि वह 2036 तक सत्ता में बने रहने की अनुमति देता है। ।