Russia-China: रूस की मदद से ताइवान पर ‘कब्जे’ का ये है चीनी प्लान
China-Taiwan: अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने बोला है कि कि यदि चीन ताइवान पर धावा करता है तो रूस दूसरा मोर्चा खोलने के लिए चीन के साथ आ सकता है। सशस्त्र सेवा पर अमेरिकी सीनेट समिति की सुनवाई के दौरान, अमेरिकी इंटेलिजेंस कम्युनिटी के चीफ ने गुरुवार को चीन और रूस की साथ आने की योजना पर बल दिया।
सीनेटर माइक राउंड्स के एक प्रश्न के उत्तर में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हैन्स ने कहा, ‘हम पहली बार चीन और रूस को ताइवान के संबंध में एक साथ अभ्यास करते हुए देख रहे हैं। यह एक ऐसी स्थान है जहां चीन निश्चित रूप से चाहता है कि रूस उनके साथ काम करे, और हमें कोई कारण नहीं दिखता कि वे ऐसा क्यों नहीं करेंगे।‘
चीन और रूस में गहरे संबंध
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से ठीक पहले दोनों राष्ट्रों ने गठबंधन की ‘कोई सीमा नहीं’ घोषणा की थी। इसके बाद से मॉस्को और बीजिंग के बीच संबंध अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंच गए हैं। चीन को रूस से सस्ती प्राकृतिक गैस और ऑयल से फायदा हुआ है, और बढ़े हुए द्विपक्षीय बिजनेस ने रूस की अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने में सहायता की है, जिस पर अभी पश्चिम ने गंभीर प्रतिबंध लगाए हुए हैं।
बता दें भी चीन लोकतांत्रिक ताइवान पर अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है। बीजिंग का बोलना है कि वह एक दिन ताइवान को चीन में मिला लेगा भले ही इसके लिए बल का इस्तेमाल करना पड़े।
चीन और रूस के सेना अभ्यास
2022 के बाद से, चीन और रूस ने पांच सेना अभ्यास किए हैं, जिनमें से सबसे हालिया पिछले वर्ष पूर्वी चीन सागर और जापान सागर में हुआ था।
यूक्रेन का इल्जाम है कि चीनी कंपनियां रूसी सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अधिकतर ड्रोन और ड्रोन-संबंधित कंपोनेंट्स का सोर्स हैं। हालांकि चीन आरोपों से इनकार करता है। वाशिंगटन ने इसी तरह की गतिविधियों में शामिल होने के इल्जाम में कई चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।