Israel-Palestine War पर आई Russia और Ukraine की प्रतिक्रिया
इजराइल और हमास के बीच चल रहा युद्ध भयंकर रूप लेता जा रहा है। इस बीच दुनिया के विभिन्न राष्ट्र इजराइल के साथ खड़े हो रहे हैं तो अरब तथा इस्लामिक राष्ट्र फिलस्तीन का साथ देते हुए दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि ईरान ने तो इस मामले पर मुसलमान राष्ट्रों की एक बैठक भी बुला ली है। इस बीच, पहले से ही युद्ध लड़ रहे रूस और यूक्रेन की भी प्रतिक्रिया सामने आ गयी है। यूक्रेन इजराइल के समर्थन में खड़ा हो गया है तो रूस ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए मामले के निवारण के लिए अलग फिलस्तीनी राज्य बनाने की वकालत की है।
जहां तक यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर ज़ेलेंस्की के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने अपने राष्ट्र पर रूस के आक्रमण की तुलना हमास से की है। ज़ेलेंस्की ने बोला है कि हमास के आतंकियों ने इज़राइल में हमले किए जिसकी सजा दी जानी चाहिए। ज़ेलेंस्की ने बोला कि सिर्फ़ नियम और तरराष्ट्रीय कानून ही पूरे विश्व में शांति सुनिश्चित कर सकते हैं। कोपेनहेगन में नाटो संसदीय सभा को वीडियो के माध्यम से संबोधित करते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति ने बोला कि हमास एक आतंकी संगठन है जिसने इज़राइल पर धावा किया है और यहां एक आतंकी राष्ट्र है जिसने यूक्रेन पर धावा किया है। ज़ेलेंस्की ने कहा, “हमारी एकता इस बुराई को रोक सकती है। उन्होंने बोला कि आतंक को प्रायोजित करने वालों को हमारी शक्ति का अहसास कराया जाना चाहिए। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इजराइल के लिए कीव के समर्थन को दोहराने के लिए इजराइल पीएम नेतन्याहू से बात भी की। इस बारे में ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर कहा, “मैंने आतंकवादी हमले से पीड़ित इज़राइल के साथ यूक्रेन की एकजुटता की पुष्टि करने और कई पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए नेतन्याहू से बात की।” ज़ेलेंस्की ने कहा, “प्रधानमंत्री ने मुझे वर्तमान स्थिति और हमले को विफल करने के लिए इज़राइल के रक्षा बलों की ओर से की जा रही कार्रवाई के बारे में बताया।”
इस बीच, रूस ने बोला है कि शांति के लिए “सबसे विश्वसनीय” निवारण फिलिस्तीनी राज्य बनाना है। मॉस्को ने यह भी बोला कि अकेले आतंकवाद से लड़ने से सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बोला कि एक “फ़िलिस्तीनी राज्य बनाना चाहिए जो इज़राइल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहेगा। उन्होंने बोला कि संघर्ष को हल करने का यही सबसे विश्वसनीय रास्ता है। हम उन लोगों से सहमत नहीं हो सकते जो कहते हैं कि सुरक्षा सिर्फ़ लड़ाई के माध्यम से सुनिश्चित की जा सकती है। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा अपने सहयोगी इज़राइल की सहायता के लिए युद्धपोतों को भेजने पर टिप्पणी करते हुए क्रेमलिन ने बोला है कि इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष में किसी तीसरे पक्ष का प्रवेश “उच्च जोखिम” है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “इस संघर्ष में तीसरी ताकतों के शामिल होने का खतरा अधिक है।” उन्होंने कहा, “इस तनाव को कम करने और सेना निवारण से दूर जाने के लिए किसी तरह की वार्ता प्रक्रिया की ओर बढ़ने के लिए रास्ता खोजना बहुत जरूरी है।”
इजराइल-हमास संघर्ष के ताजा हालात
इजराइल ने हमास आतंकियों के हमले के उत्तर में गाजा पट्टी में हमले तेज कर दिए और पूरी तरह से नाकाबंदी कर वहां खाद्य सामग्री, ईंधन और अन्य सामान की आपूर्ति रोक दी है। उधर हमास ने भी बोला है कि यदि बिना पूर्व चेतावनी के नागरिकों को निशाना बनाकर हमले किए जाते हैं, तो वह बंधक बनाए गए इजराइलियों को मृत्यु के घाट उतार देगा। हम आपको बता दें कि इस युद्ध में दोनों पक्षों के करीब 2000 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया गया है कि एक ओर जहां इजराइल हमास द्वारा दक्षिणी शहरों में किए गए हमलों में मारे गए लोगों के मृतशरीर तलाश रहा है। वहीं, गाजा में लगातार जारी हवाई हमलों में इमारतों के जमींदोज होने के कारण हजारों निवासी अपने घरों को छोड़कर जा रहे हैं।
इस बीच, इजराइली सेना ने बोला है कि उसने दक्षिणी हिस्से पर फिर से कब्जा जमा लिया है, जहां हमास द्वारा घुसकर धावा करने के घटनाक्रम ने सेना और खुफिया तंत्र को चौंका दिया था। इजराइल ने और आक्रमण रोकने के लिए गाजा सीमा पर टैंक और ड्रोन तैनात किए हैं। गाजा के पास 12 से अधिक शहरों से हजारों इजराइलियों को निकाला गया है और सेना ने 3,00,000 अतिरिक्त सैनिकों को बुलाया है। इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा, ‘‘हमने हमास पर धावा करना अभी तो प्रारम्भ ही किया है। हम आने वाले दिनों में अपने दुश्मनों के साथ जो करेंगे, उसकी गूंज कई पीढ़ियों तक सुनाई देगी।’’ हालांकि इजराइली सेना के सीमा के पास अतिरिक्त बलों को तैनात करने से एक बड़ा प्रश्न खड़ा होता है कि क्या वह छोटे से भूमध्यसागरीय तटीय क्षेत्र गाजा में जमीनी आक्रमण प्रारम्भ करेगी। हम आपको याद दिला दें कि इजराइली सेना ने अंतिम बार 2014 में जमीन पर आक्रमण किया था। इजराइली सेना ने कहा कि हमलों में राष्ट्र में 900 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि गाजा में 680 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें सैंकड़ों हमास लड़ाके भी शामिल हैं। दोनों पक्षों के हजारों लोग इस संघर्ष में घायल हुए हैं।
उधर, इजराइल के हवाई हमलों के उत्तर में हमास की सेना शाख के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने बोला कि जब-जब इजराइल गाजा के नागरिकों को उनके घरों में ‘‘बिना किसी पूर्व चेतावनी’’ के निशाना बनाएगा, तब-तब समूह एक इजराइली बंधक की मर्डर करेगा। हालांकि इजराइल के विदेश मंत्री अली कोहेन ने हमास को किसी भी बंधक को हानि पहुंचाने के विरुद्ध चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘इस युद्ध क्राइम को भुलाया नहीं जाएगा।’’ नेतन्याहू ने बंधक संकट से निपटने और लापता लोगों की तलाश के लिए एक पूर्व सेना कमांडर को नियुक्त किया है।
इस बीच, संयुक्त देश के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि गाजा पर इजराइली हवाई हमलों में 790 मकान जमींदोज हो गए हैं और 5,330 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। जल और साफ-सफाई से संबंधित तीन स्थानों पर हमले से 4,00,000 लोगों तक सेवाएं बाधित हो गई हैं।
उधर, इजराइल के रक्षा मंत्री याओव गैलेंट ने गाजा की ‘‘पूर्ण नाकाबंदी’’ का आदेश देते हुए बोला कि प्राधिकारी बिजली आपूर्ति बंद करेंगे और खाद्य सामग्री तथा ईंधन लेकर जाने वाले वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाएंगे। इजराइल की इस नाकाबंदी से गाजा पूरी तरह मिस्र पर निर्भर हो जाएगा, जिसकी राफा सीमा से माल ले जाने की क्षमता इजराइल की अन्य जांच चौकियों के मुकाबले कम है। मिस्र के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मिस्र रेड क्रीसेंट की ओर से दो टन से अधिक चिकित्सा सामग्री गाजा भेजी गई है। अधिकारी के मुताबिक, क्षेत्र में खाद्य सामग्री और अन्य महत्वपूर्ण सामान की आपूर्ति के भी कोशिश किए जा रहे हैं।
आतंकी संगठन हमास का दावा
इस बीच, आतंकी संगठन हमास के एक वरिष्ठ कमांडर ने बोला है कि इजराइल पर हमले के बारे में गाजा में सिर्फ़ कुछ शीर्ष कमांडर ही जानते थे, लेकिन ‘‘अगर गाजा में विध्वंसक युद्ध जारी रहता है’’, तो ईरान और हिजबुल्ला जैसे सहयोगी इस लड़ाई में शामिल होंगे। हमास के निर्वासित नेतृत्व के एक सदस्य अली बराकेह ने ऐसे समय में अपने बेरूत कार्यालय से यह बयान दिया है, जब इजराइल ने गाजा पर भयंकर बमबारी की और हमास शासित क्षेत्र की पूर्ण घेराबंदी का संकल्प लिया है। बराकेह ने बोला कि गाजा में हमास के करीब छह शीर्ष कमांडरों ने हमले की योजना बनाई थी और समूह के करीबी सहयोगियों को भी हमले के समय के बारे में पहले से कुछ नहीं कहा गया था। उसने उन खबरों को खारिज किया कि ईरान के सुरक्षा ऑफिसरों ने हमले की योजना बनाने में सहायता की या बेरूत में पिछले हफ्ते एक बैठक में हमले की स्वीकृति दी। बराकेह ने कहा, ‘‘केवल हमास के कुछ कमांडर हमले की योजना के बारे में जानते थे।’’ उसने बोला कि हमास के केंद्रीय कमान या सियासी ब्यूरो का कोई सदस्य पिछले वर्ष लेबनान की राजधानी में नहीं था। बराकेह ने माना कि ईरान और लेबनान के आतंकी समूह हिजुबुल्ला ने पूर्व में हमास की सहायता की है, लेकिन साथ ही बोला कि 2014 के गाजा युद्ध के बाद से हमास स्वयं अपने रॉकेट बना रहा है और लड़ाकों को प्रशिक्षण दे रहा है।
बराकेह ने उन अटकलों को भी खारिज किया कि इस हमले का मकसद सऊदी अरब को इजराइल से संबंध सामान्य बनाने के लिए राजी करने के अमेरिकी प्रयासों को बाधित करना है। उसने बोला कि इस हमले की योजना एक वर्ष से अधिक समय पहले बनाई गई थी। बराकेह ने बोला कि इजराइल की घोर दक्षिणपंथी गवर्नमेंट द्वारा पिछले एक वर्ष में उठाए गए कदमों के बदले में यह धावा किया गया, जिसमें यरूशलम में विवादित पवित्र स्थलों के उकसावे वाले दौरे और इजराइल द्वारा बंधक बनाए गए फलस्तीनी कैदियों पर दबाव बढ़ाना शामिल है। उसने यह भी बोला कि हमास का मानना है कि इजराइल ने उसके शीर्ष कमांडरों की मर्डर की योजना बनाई थी। हमास कमांडर ने यह भी बोला कि आतंकी समूह ‘‘ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म’’ से भी दंग था और उसे आशा थी कि इजराइल धावा रोकेगा या इसे सीमित करेगा। उसका यह दावा कि हमास ने सिर्फ़ एक छोटे अभियान की योजना बनाई थी, इस तथ्य से गलत साबित होता है कि हमले में तकरीबन 1,000 लड़ाके शामिल हुए।
क्या हमास की सहायता करेंगे और आतंकी संगठन?
हम आपको बता दें कि हमास के हमले के बाद इजराइल ने पूर्ण युद्ध की घोषणा की है और उसे ऐसी सजा देने का संकल्प लिया है, जो उसने पहले कभी नहीं झेली होगी। उधर, हमास बड़े हमलों का सामना करने पर अपने सहयोगियों से सहायता मांग सकता है। रविवार को हिजबुल्ला ने एक विवादित क्षेत्र में तीन इजराइली ठिकानों पर कई रॉकेट दागे और गोलाबारी की थी। सोमवार को फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद आतंकी समूह ने दावा किया कि उसने चार बंदूकधारियों को लेबनान सीमा के पार इजराइल में भेजा है। सालों से लेबनान में हमास के प्रतिनिधि रहे बराकेह ने बोला कि उसका समूह इजराइली जेलों में बंद सभी अरब लोगों और अमेरिका में कैद कुछ फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए हमले में बंधक बनाए गए सैंकड़ों इजराइलियों का इस्तेमाल करेगा। उसने कोई संदर्भ दिए बगैर कहा, ‘‘अमेरिकी जेलों में फलस्तीनी बंद हैं। हम उनकी रिहाई की मांग करेंगे।’’ बराकेह ने बोला कि हमास इजराइल के साथ एक लंबा युद्ध लड़ने के लिए तैयार है और उसके पास रॉकेट का एक शस्त्रागार है, जो लंबे समय तक चलेगा।