PM Modi Greece Visit: भारत की इस चाल से क्यों बेचैन हुए पाकिस्तान और तुर्किये…
PM Modi in Greece: ब्रिक्स समिट (Brics Summit) के फौरन बाद भारतीय पीएम मोदी एक दिन के दौरे पर यूरोपीय राष्ट्र ग्रीस पहुंचे हैं। मोदी के इस दौरे की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि 40 वर्ष बाद हिंदुस्तान का कोई पीएम ग्रीस के दौरे पर पहुंचा है, जबकि इससे पहले वर्ष 1983 में इंदिरा गांधी ग्रीस गईं थीं। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की इस यात्रा से पाक और उसके ‘जिगरी’ तुर्किये की धड़कने बढ़ गई हैं। दोनों सांसे साधकर और टकटकी लगाकर हिंदुस्तान के इस कूटनीतिक निर्णय की वजह समझने के लिए माथापच्ची कर रहे हैं।
भारत की इस चाल से क्यों बेचैन हुए पाक और तुर्किये?
यूं तो प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की ग्रीस यात्रा को अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के प्रति हिंदुस्तान की प्रतिबद्धता के तौर पर देखा जा रहा है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की इस यात्रा में वो ग्रीस के राष्ट्रपति और पीएम से मुलाकात करेंगे। इस दौरान निवेश, रक्षा, समेत कई मुद्दों पर बात होगी। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ग्रीस में प्रवासी हिंदुस्तानियों से भी मिलेंगे। भूमध्य सागर के किनारे स्थित ग्रीस हिंदुस्तान का प्रमुख रक्षा साझेदार है। ऐसे में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की ग्रीस यात्रा का क्या मतलब है और पाक और तुर्किये को इससे क्या परेशानी है? आइए ऐसे हर महत्वपूर्ण प्रश्न का उत्तर आपको देते हैं।
मोदी की ग्रीस यात्रा का मतलब?
भारतीय नौसेना के युद्धपोत भूमध्य सागर में रणनीतिक तैनाती के दौरान ग्रीस का दौरा करते रहे हैं। इसके अतिरिक्त ग्रीस की तुर्की के साथ दुश्मनी भी हिंदुस्तान के साथ संबंधों में एक जरूरी कारण बनकर उभरी है। दरअसल तुर्की कश्मीर मामले पर पाक का खुला समर्थन करता है। तुर्की, संयुक्त देश में कई बार कश्मीर मामले को उठा चुका है, हालांकि हर बार हिंदुस्तान ने बहुत कड़ा उत्तर देकर उसकी बोलती बंद कर दी है। यही वजह है कि पीएम मोदी अभी तक तुर्की के दौरे पर नहीं गए हैं। इसके अतिरिक्त तुर्की सेना मोर्चे पर भी पाक का समर्थन करता है।
पाकिस्तान-तुर्किये क्यों बैचेन?
-ग्रीस हिंदुस्तान का बढ़ा रक्षा साझेदार है।
-ग्रीस और तुर्किये में है पुरानी दुश्मनी।
-ग्रीस के कई द्वीपों पर तुर्किये का दावा।
-ग्रीस यात्रा से तुर्किये पर दबाव बढ़ेगा।
-तुर्किये-पाकिस्तान एक दूसरे के सहयोगी।
-पाकिस्तान को सेना सहायता कर चुका है तुर्किये।
-कई मुद्दों पर हिंदुस्तान का विरोधी है तुर्किये।
-मोदी के ग्रीस पहुंचने से बेचैन दुश्मन।
तुर्किये-ग्रीस में भिड़न्त क्यों?
– तुर्किये का सहयोगी पाकिस्तान ग्रीस हिंदुस्तान का सहयोगी
– ग्रीस आतंकवाद का शिकार हिंदुस्तान भी आतंक का शिकार
– 1998 में ग्रीस हिंदुस्तान के साथ भारत ने ग्रीस की सहायता की
– तुर्किये है अजरबैजान के साथ हिंदुस्तान ने आर्मेनिया की सहायता की
– आर्मेनिया-अजरबैजान में खराब रिश्ते भारत ने किया आर्मेनिया का सहयोग
– UN में तुर्किये का हिंदुस्तान विरोधी रुख UN में ग्रीस हिंदुस्तान के साथ
इस रणनीतिक दौरे में दोनों राष्ट्रों के बीच ट्रेड, टेक्नोलॉजी से लेकर डिफेंस कोऑपरेशन पर चर्चा की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ग्रीस काफी समय से हिंदुस्तान की ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को खरीदने में दिलचस्पी दिखाता रहा है। ऐसे में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे पर ग्रीस को हिंदुस्तान का ब्रह्मास्त्र कही जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल मिलने पर भी डील हो सकती है। इस वजह से भी तुर्की के होश उड़े हुए हैं।