Pannu Case में आया ये बड़ा अपडेट
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या का कोशिश करने के मुद्दे में बड़ा अपडेट सामने आया है. चेक कानूनी कोर्ट ने निर्णय सुनाया है कि चेक गणराज्य खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नून की कथित मर्डर की षड्यंत्र के आरोपी निखिल कुमार को संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित कर सकता है. अमेरिका इन्साफ विभाग (डीओजे) ने गुप्ता पर हिंदुस्तान गवर्नमेंट के एक अधिकारी के साथ मिलकर अमेरिकी धरती पर पन्नुन की मर्डर की षड्यंत्र रचने का इल्जाम लगाया है.
एएफपी के अनुसार, चेक कानूनी कोर्ट ने बुधवार को बोला कि उसने गुप्ता के प्रत्यर्पण को स्वीकृति देने वाले निचली न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध गुप्ता की अपील को खारिज कर दिया है. रिपोर्ट में बोला गया है कि चेक इन्साफ मंत्री पावेल ब्लेज़ेक को अभी भी प्रत्यर्पण को स्वीकृति देने की आवश्यकता है. गुप्ता को 30 जून, 2023 को प्राग हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था. तब से वह कारावास में बंद हैं.
पिछले साल, डीओजे ने इल्जाम लगाया था कि गुप्ता एक भारतीय सरकारी एजेंट के साथ पन्नून को मारने की षड्यंत्र रच रहे थे. हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने दोहरे अमेरिकी-कनाडाई नागरिक पन्नुन को नामित आतंकी घोषित किया है. वह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के नेता हैं, जिसे गवर्नमेंट ने एक अवैध संगठन घोषित किया है. जबकि अमेरिकी DoJ ने सार्वजनिक रूप से भारतीय अधिकारी के नाम का खुलासा नहीं किया है, वाशिंगटन पोस्ट ने बाद में एक कहानी में उसकी पहचान विक्रम यादव के रूप में की.
रिपोर्ट में आगे बोला गया है कि अमेरिकी एजेंसियों ने आकलन किया है कि उस समय भारतीय विदेशी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत गोयल ने पन्नून षड्यंत्र को स्वीकृति दी थी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल संभवतः थे. हिंदुस्तान ने मुद्दे को देखने और अमेरिका द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. एक बयान में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इन दावों को अनुचित और अप्रमाणित बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ”संबंधित रिपोर्ट एक गंभीर मुद्दे पर अनुचित और निराधार इल्जाम लगाती है.