मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने संसद में भारत पर साधा निशाना
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने संसद में भाषण पेश किया। अपने भाषण में उन्होंने परोक्ष रूप से भारत पर निशाना साधा। उन्होंने भारतीय सैनिकों को लेकर बड़ी बात कह डाली है। मोइज्जू ने सोमवार को संसद की बैठक में दिए अपने पहले राष्ट्रपति भाषण में हिंदुस्तान का नाम लिए बगैर कई बातें कही हैं। ‘इंडिया आउट’ के नारे पर सत्ता में आए मोइज्जू ने अपने भाषण में बोला कि ‘मोइज्जू गवर्नमेंट राष्ट्र की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने बोला कि यदि राष्ट्र की स्वतंत्रता और संप्रभुता को किसी तरह का खतरा होता है तो वह दृढ़ रहेंगे और किसी भी हालात में किसी भी ‘बाहरी दबाव’ के आगे नहीं झुकेंगे।मोइज्जू ने संसद में अपने संबोधन में भारतीय सैनिकों की मालदीव में मौजदूगी को दोहराया। इस संबंध में हिंदुस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए मोइज्जूने बोला कि मालदीव के बहुसंख्यक लोग उनकी गवर्नमेंट का समर्थन करते हैं। उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट विदेशी सैनिकों की मौजूदगी को समाप्त कर देगी, ऐसी लोगों की आशा है।
भारतीय सैनिकों की मौजूदगी पर कही ये बात
संसद को अपने पहले संबोधन में मुइज्जू ने मालदीव में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी पर निशाना साधते हुए बोला कि उनका मानना है कि मालदीव के बहुसंख्यक लोग उनकी गवर्नमेंट का समर्थन करते हैं। उन्होंने बोला कि लोगों को आशा है कि उनकी गवर्नमेंट विदेशी सैनिकों की मौजूदगी को समाप्त कर देगी।मोइज्जू ने हिंदुस्तान के साथ हाल ही में समाप्त किए गए हाइड्रोग्राफिक समझौते की तरफ इशारा करते हुए बोला कि मालदीव के लोगों की उनकी गवर्नमेंट से ऐसी आशा भी है कि वो अपने खोए हुए समुद्री क्षेत्र को हासिल कर लेगी। साथही यह सुनिश्चित करेगी कि किसी राष्ट्र से कोई ऐसा समझौता न हो जो मालदीव की संप्रभुता का उल्लंघन करता हो।
2019 में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के मालदीव दौरे पर हुआ था ये समझौता
हाइड्रोग्राफिक समझौता वर्ष 2019 में पीएम मोदी के मालदीव दौरे में हुआ था। इस समझौते के अनुसार हिंदुस्तान मालदीव के समुद्री क्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करता था जिसके लिए कई भारतीय जहाजों की तैनाती की गई थी। हाइड्रोग्राफिक सर्वे से जो डेटा निकलता है उससे यह जानने में सहायता मिलती है कि कोई राष्ट्र अपनी सीमा पर किस तरह के हथियारों की तैनाती कर रहा है। डेटा का इस्तेमाल सुरक्षित नेविगेशन, समुद्र के पर्यावरण पर नजर बनाने, समुद्री वैज्ञानिक अध्ययन के लिए भी किया जाता है। मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू ने सत्ता में आते ही हिंदुस्तान के साथ यह समझौता रद्द कर दिया।