Maldives Parliamentary Elections: मालदीव में हो रही वोटिंग
Maldives Parliamentary Elections 2024: हिंद महासागर में हिंदुस्तान के पड़ोसी मालदीव में संसदीय चुनावों के लिए वोटिंग हो रही है। जहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की विवादास्पद हिंदुस्तान विरोधी नीतियों (Anti India Policy) के चलते दोनों के बीच तनाव बना हुआ है। मालदीव के आम चुनाव में हिंदुस्तान गवर्नमेंट को मुख्य विपक्षी दल, मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) की जीत की आशा है, जो हिंदुस्तान की समर्थक है। आज का चुनाव हिंद महासागर द्वीपसमूह से भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने के निर्णय का भी परीक्षण करेगा। हालांकि मतदान से दो दिन पहले मालदीव में कुछ ऐसा हुआ जिसने राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी को तगड़ा झटका लग सकता है।
दरअसल आम चुनावों से ठीक पहले, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के 2018 से किए गए कथित करप्शन की रिपोर्ट लीक होने के बाद विपक्षी दलों ने मुद्दे की जांच और उन पर महाभियोग की मांग प्रारम्भ कर दी है, हालांकि राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
संसद का चुनाव
मालदीव में मजलिस (संसद) के लिए रविवार को चुनाव होने हैं। आज ही ये तय हो जाएगा कि मुइज्जू के हिंदुस्तान विरोधी रुख को लेकर उनके राष्ट्र की जनता क्या सोचती है। वोटिंग प्रारम्भ होने के चंद दिनों पहले प्रारम्भ हुए धुंआधार प्रचार में मोइज्जू अपने एंटी इण्डिया स्टैंड पर दांव लगा रहे हैं। वहीं मुख्य विपक्षी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) और मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस पार्टी (PNC) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।
दरअसल मालदीव रिपब्लिक के मुताबिक 2018 की इन रिपोर्ट में राष्ट्रपति मुइज्जू के निजी बैंक खाते में धन अंतरण में अनियमितताओं का दावा किया गया है। रिपोर्ट में वित्तीय कदाचार के 10 जरूरी संकेतकों को रेखांकित किया गया है। मालदीव रिपब्लिक की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई बातों से संकेत मिलते हैं कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। मुइज्जू की गलत लोगों के साथ संलिप्तता है। गबन की धनराशि के पूरे लेनदेन को छिपाने के लिए कॉर्पोरेट संस्थाओं का इस्तेमाल किए जाने का पता लगता है।
मुइज्जू की सबसे बड़ी चुनौती
मतदान से पहले, मालदीव की मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री, अब्दुल्ला शाहिद ने चुनाव से एक दिन पहले सकारात्मक रुख अपनाते हुए पार्टी की जीत का दाला किया है। उनका बोलना है कि मुइज्जू की गवर्नमेंट बीते 5 महीनों में घरेलू और विदेशी दोनों मोर्चों पर फेल रही है। मालदीव के लोग सब देख रहे हैं कि कैसे मुइज्जू के राज में मालदीव के लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। मुइज्जू स्वयं करप्शन के आरोपों में घिरे हैं। वहीं उनका एंटी इण्डिया स्टैंड भी उन्हें आज के चुनावों में बैकफायर कर सकता है।
झूठे सपने बेंच रहे मुइज्जू: MDP
शाहिद ने बोला कि मुइज्जू ने देश में असत्य और नफरत फैलाकर पूर्ववर्ती गवर्नमेंट की सारी विकास परियोजनाओं को रोक दिया। सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। वो तानाशाही चला रहे हैं। विपक्ष के हजारों लोगों को निलंबन और जॉब से बर्खास्त करने की धमकी दी गई है। बर्बादी और करप्शन बड़े पैमाने पर हो रहा है। ऐसे में जनता वोट की ताकत से राष्ट्र का माहौल बिगाड़ने वालों को सजा देगी।
मालदीव की संसद में 93 सांसद चुने जाते हैं। एमडीपी को आशा है कि उनकी पार्टी 65 सीटें जीत सकती है। दूसरी ओर सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस पार्टी (PNC) गठबंधन बहुमत का दावा कर रहा है। पुराने कानूनों की कमजोरी का लाभ उठाकर मुइज्जू की पार्टी ने विपक्ष के कुछ नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया था। गौरतलब है कि मुइज्जू, की सत्ताधाकी पार्टी को MDP दलबदल से लाभ हुआ था। उसके बाद मालदीव में दलबदल विरोधी कानून की सरगर्मी उठी थी और आखिरकार उस कानून को इस महीने की आरंभ में संसद द्वारा पारित किया गया था।
मालदीव चुनावों के लिए तीन राष्ट्रों में वोटिंग
मालदीव के चुनावों के लिए आज केरल, क्वालालंपुर और कोलंबों में भी वोटिंग होगी। मालदीव के कई लोग रोजगार के सिलसिले में भारत, श्रीलंका और कोलंबो में काम करते हैं। वहां के चुनाव आयोग ने उन्हें मतदान की सुविधा प्रदान की है। ऐसे में मालदीव के आम चुनावों के लिए आज हिंदुस्तान में वोट पड़ेंगे।
चीन समर्थक मुइज्जू लगातार हिंदुस्तान विरोधी रुख अपनाए हुए हैं। उनकी पार्टी पर चीन से अपरोक्ष रुप से फंड लेने का इल्जाम लग चुका है। चीन समर्थक मुइज्जू ने पिछले वर्ष राष्ट्रपति चुनाव में अपने MDP के नेता और पूर्ववर्ती इब्राहिम सोलिह को हराया था। उस नतीजे को इंटरनेशनल लेवल पर हिंदुस्तान और चीन के बीच आमने-सामने के रूप में देखा गया था।
भारतीय सैनिकों को निकाला
उनकी चीन समर्थक छवि तब से बनी हुई है जब वह पिछले वर्ष जनवरी में बीजिंग गए। चीनी नेताओं ने उन्हें ऐसी पट्टी पढ़ाई कि उन्होंने चुनाव जीतते ही हिंदुस्तान के साथ पुराने रक्षा योगदान समेत कई समझौते रद्द कर दिए। मुइज्जू ने भारतीय नौसैनिक हेलिकॉप्टरों का संचालन करने वाले भारतीय सैनिकों को निष्कासित करने और उस समझौते से बाहर निकलने का फैसला लिया था, जिसने भारतीय नौसेना को मालदीव के जलक्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी।
मालदीव में करीब 88 भारतीय सैनिक हैं। ये दो हेलिकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट का ऑपरेशन संभालते हैं। आमतौर पर इनका इस्तेमाल रेस्क्यू या सरकारी कामों में किया जाता है। मुइज्जू विरोधियों का बोलना है कि मालदीव में तैनात भारतीय सैनिक, प्राकतिक आपदा और अन्य मुश्किलों में मालदीव के लोगों की सहायता करते थे। उन्हें वापस भेजकर मुइज्जू ने एक तरह से अपने पैरों में कुल्हाड़ी मार ली है।
मुइज्जू ने मालदीव से भारतीय सैनिक के पहले समूह की वापसी के लिए 10 मार्च की समय सीमा तय की थी। इसके अनुसार 25 भारतीय सैनिकों के पहले समूह ने 11 मार्च को ही मालदीव छोड़ दिया था। फरवरी में दिल्ली में हुए मालदीव-भारत के बीच नए समझौते में तय हुआ था कि सेना विमानों के संचालन की देखरेख के लिए मालदीव में उपस्थित भारतीय सैनिकों की स्थान हिंदुस्तान की टेक्निकल स्टाफ टीम लेगी। इसके बाद 29 मई को 26 टेक्निकल स्टाफ का पहला बैच मालदीव पहुंचा था।