Global Economy: मंदी की चपेट में आ चुका है जापान और यूके
UK-Japan Economy: दुनिया में मंदी ने त्राहिमाम मचा रखा है। कई राष्ट्र मंदी (recession) की चपेट में आ गए हैं। जापान के साथ ही यूके भी मंदी की चपेट में आ चुका है। यूके और जापान दोनों ही पिछले वर्ष के अंत में मंदी (recession in UK and Japan) की चपेट में आ गए थे। लगातार 2 तिमाहियों से इन राष्ट्रों की जीडीपी (GDP) में गिरावट आ रही है।
इस बीच, वर्ष की आरंभ में अमेरिकी कंज्यूमर प्राइस की कीमतों में उछाल आया है। हालांकि, अर्थशास्त्रियों का बोलना है कि मुद्रास्फीति अभी भी मोटे तौर पर गिरावट की ओर है।
ब्रिटेन 2023 की दूसरी छमाही में मामूली मंदी की चपेट में आ गया। पीएम ऋषि सुनक के लिए यह काफी कठिन समय है। वह अब तक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के अपने वादे को पूरा नहीं कर पाए हैं। पूरे सालभर में अर्थव्यवस्था में अभी भी 0.1% की ग्रोथ हुई है। यह महामारी के पहले वर्ष को छोड़कर 2009 के बाद से यूके में देखा गया सबसे धीमा ग्रोथ का लेवल है।
2024 में काफी स्लो है ग्रोथ
नए यूरोपीय यूनियन के पूर्वानुमानों के मुताबिक, यूरो-एरिया की इकोनॉमी 2024 में पहले की तुलना में कमजोर लेवल पर प्रवेश कर रही है। आगे आने वाले वर्ष में भी धीमी ग्रोथ की आसार है। यूरोपीय आयोग ने बोला कि ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट 2023 में 0.5% से इस वर्ष केवल 0.8% तक बढ़ा है।
बूढ़ी हो रही जापान की अर्थव्यवस्था
ब्रिटेन के अतिरिक्त जापान की अर्थव्यवस्था की बात की जाए तो वह भी नीचे आ रही है। जापान तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से फिसलकर चौथे नंबर पर आ गया है। इसमें गिरावट की वजह कमजोर येन और राष्ट्र की बढ़ती उम्र है। यहां पर जनसंख्या घट रही है। यदि सिंपल भाषा में कहे तो यहां पर बूढ़े लोगों की संख्या अधिक हो गई है, जिसकी वजह से वहां पर काम करने की क्षमता भी कम हो रही है। इसका सीधा असर राष्ट्र की इकोनॉमी पर पड़ रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि जापान वर्ष 2026 तक मंदी की चपेट में रह सकता है।
भारत की लगातार हो रही ग्रोथ
इसके अतिरिक्त यदि हिंदुस्तान की बात की जाए तो हमारे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रफ्तार काफी तेज है। 2023-24 के दौरान हिंदुस्तान की जीडीपी ग्रोथ 7.3 प्रतिशत रही जो 2022-23 में 7.2 फीसदी की तुलना में अधिक है। हिंदुस्तान में जल्द ही लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं उससे पहले प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में हिंदुस्तान को तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का वादा किया है।