अमेरिका-कनाडा से लेकर चीन-ताइवान तक हर प्रमुख मुद्दे पर रखी अपनी बात
S Jaishankar Statement: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने लंदन में हुए एक कार्यक्रम में अमेरिका-कनाडा से लेकर चीन-ताइवान तक हर प्रमुख मामले पर अपनी बात रखी। जहां एक तरफ कनाडा को एक तरफ फिर लताड़ लगाई तो दूसरी तरफ अमेरिका पर बात करके चीन को भी टेंशन दे दी। जो लोग अमेरिका को डूबता हुआ सूरज समझने की गलती कर रहे हैं। उनको जयशंकर का ये उत्तर जरूर सुन लेना चाहिए। जयशंकर ने साफ कह दिया कि अमेरिका ऐसी ताकत नहीं है जो घट रही है, बल्कि वह स्वयं को नया रूप दे रही है।
जिनपिंग को जयशंकर ने दी टेंशन
विदेश मंत्री जयशंकर ने बोला कि डिवाइडेड अमेरिका या डिवाइडेड कोई भी राष्ट्र साफ तौर से इंटरनेशनल मामलों में कम कारगर प्लेयर होगा। अमेरिका हमारे समय की प्रमुख शक्ति है। मैं कहूंगा कि अमेरिका वास्तव में, पिछले कुछ वर्ष में, यह कई मायनों में विदेशों में काफी कारगर रहा है। मैं कहूंगा कि आज अमेरिका एक ऐसी पावर है जो स्वयं को नया रूप दे रही है। मुझे नहीं लगता कि यह कोई ऐसी पावर है जो घट रही है। यह अमेरिका ही है जो आज इंडो-पैसिफिक को आकार दे रहा है, जिसने एक क्वाड जैसा संगठन बनाया है।
कनाडा को जयशंकर की दो टूक
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा को एक बार फिर दो टूक उत्तर दिया है। कनाडा अपने आरोपों को लेकर अभी तक कोई सबूत उपलब्ध नहीं करा पाया है। यदि कनाडा के पास ऐसा इल्जाम लगाने का कोई कारण है तो प्लीज सबूत दिखाएं क्योंकि हम जांच से इनकार नहीं कर रहे हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात पर बल दिया कि कनाडा ने अपने इल्जाम के समर्थन में हिंदुस्तान के साथ कोई सबूत शेयर नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि 18 जून को कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर कर दी गई थी।
चीन पर खुलकर कहे विदेश मंत्री
इस दौरान चीन से रिश्तों पर भी विदेश मंत्री खुलकर बोले। एस। जयशंकर ने बोला कि 2020 के बाद से चीन ने समझौतों का पालन नहीं किया, जिसकी वजह से संबंध खराब होते चले गए। चीन का उदय एक वास्तविकता है लेकिन उतनी ही वास्तविकता हिंदुस्तान का उदय भी है। हालांकि, दोनों का राइज भिन्न-भिन्न ढंग का है। दोनों दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक हैं। कुछ वास्तविकताएं हैं जिन्हें पहचानने की आवश्यकता है। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और जनसंख्या के मुद्दे में सबसे बड़े हैं।
ताइवान से कैसे हैं हिंदुस्तान के रिश्ते?
विदेश मंत्री जयशंकर ने बोला कि ताइवान के साथ हमारे पर्याप्त टेक्नोलॉजी, इकोनॉमिक और कमर्शियल संबंध हैं। निश्चित रूप से जब इलेक्ट्रॉनिक्स की बात आती है तो उसमें ताइवान की एक रेप्यूटेशन है। चाहे आप सेमीकंडक्टर्स की ही बात कर लीजिए। हिंदुस्तान और ताइवान के बीच योगदान के मुद्दे में काफी बढ़ोतरी हुई है।