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पाकिस्तान पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों जेल में बंद

Imran Khan News: इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पाक पूर्व पीएम इमरान खान इन दिनों कारावास में बंद हैं. करप्शन के मामलों सहित विभिन्न मामलों में वे कारावास की सजा काट रहे हैं. इसी बीच पाक जब उन्हें पहली बार 9 मई को कारावास में बंद किया गया था, तब पूरे राष्ट्र में उनके प्रशंसकों ने अत्याचार की थी. इस पर संयुक्त जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में विशेष न्यायालय से बोला है कि इमरान खान ने ही 9 मई की अत्याचार का षड्यंत्र रचा था.

पाकिस्तान की कारावास में बंद पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पार्टी के कई शीर्ष नेता नौ मई को गवर्नमेंट विरोधी अत्याचार की षड्यंत्र रचने में सीधे तौर पर संलिप्त थे. यह बात एक संयुक्त जांच दल ने यहां आतंकवाद रोधी न्यायालय को बताई है. पाक तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष खान की गत नौ मई को करप्शन के एक मुद्दे में गिरफ्तारी के बाद पंजाब प्रांत में हुई अत्याचार की जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया गया था.

आरोप पत्र में ​अभियोजन पक्ष ने लगाए ये आरोप

समाचार पत्र ‘डॉन’ ने शुक्रवार को समाचार दी कि डीआईजी (अभियान) इमरान किश्वर के नेतृत्व वाली जेआईटी ने पीटीआई नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के विरुद्ध आरोपपत्र गुरुवार को आतंकवाद रोधी न्यायालय के समक्ष दाखिल किया. समाचार में बोला गया है कि लाहौर पुलिस के अनुसार, खान (70) और 9 मई के मामलों में नामजद 900 से अधिक अन्य पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को “गंभीर अपराधों का गुनेहगार घोषित” किया गया है. न्यायालय के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में, अभियोजन पक्ष ने इल्जाम लगाया है कि नौ मई को संदिग्धों के नेतृत्व में हुआ हिंसक विरोध प्रदर्शन राज्य के विरुद्ध एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा था.

पेश किए 400 से अधिक वीडियो सबूत

इसमें बोला गया है, ‘पीटीआई अध्यक्ष के भाषणों सहित 400 से अधिक वीडियो सबूतों से साबित होता है कि छावनी क्षेत्रों में सेना प्रतिष्ठानों और परिसरों पर हमले पूर्व नियोजित थे.’ पुलिस में दर्ज मामलों के अनुसार, बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने लाहौर में सेना प्रतिष्ठानों, पुलिस वाहनों और अन्य सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों पर धावा किया था. लाहौर कोर कमांडर हाउस (जिन्ना हाउस), अस्करी टॉवर और शादमान पुलिस पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ अत्याचार के दौरान हुई कुछ प्रमुख घटनाएं थीं.

‘डॉन’ समाचार पत्र ने डीआईजी किश्वर के हवाले से कहा, ‘हमने उन्हें लाहौर के विभिन्न पुलिस थानों में आतंकवाद रोधी अधिनियम और अन्य आरोपों के अनुसार दर्ज कुल 14 मामलों में से 12 में मुख्य आरोपी घोषित किया है. (और) चालान एटीसी में दाखिल कर दिए गए हैं.’ उन्होंने बोला कि जेआईटी को नामजद व्यक्तियों के विरुद्ध “पर्याप्त सबूत” मिले हैं, जिनमें इमरान खान, पंजाब के पूर्व गवर्नर उमर सरफराज चीमा, पूर्व प्रांतीय मंत्री मियां महमूदुर राशिद, डॉयास्मीन राशिद और अन्य शामिल हैं.

पाकिस्तान को गृहयुद्ध में धकेलने का रचा था षड्यंत्र: रिपोर्ट

डीआइजी ने बोला कि डिजिटल और फोटोग्रामेट्रिक साक्ष्यों के साथ-साथ संदिग्धों के आवाज संदेशों ने प्रांतीय राजधानी के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज एक दर्जन से अधिक मामलों में उनके विरुद्ध लगाए गए “आरोपों की पुष्टि” की है. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की समाचार के अनुसार, जेआईटी रिपोर्ट में बोला गया है कि खान ने केंद्रीय, प्रांतीय और क्षेत्रीय नेतृत्व के योगदान से पाक को गृहयुद्ध की ओर धकेलने के लिए यह षड्यंत्र रचा था और जनता को फर्जी और स्वयं की गढ़ी कहानियों के माध्यम से उकसाया था.

9 मई को हुई थी हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़

नौ मई को अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद, पाक में अशांति उत्पन्न हो गई, जिसमें रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित दर्जनों सेना और राज्य भवनों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई. पुलिस ने पीटीआई के 10,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को अरैस्ट किया और 100 से अधिक पर सेना अधिनियम के अनुसार केस चलाया जा रहा है. इमरान खान वर्तमान में लगभग 180 मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश 9 मई की घटनाओं से जुड़े हैं. तोशाखाना मुद्दे में गुनेहगार ठहराए जाने के बाद गिरफ्तारी के बाद से खान पांच अगस्त से हिरासत में हैं. वह वर्तमान में अदियाला कारावास में बंद हैं.

 

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