श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुए वी मुरलीधरन

श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुए वी मुरलीधरन

मुरलीधरन ने श्रीलंका में भारतीय प्रवासियों के साथ भी वार्ता की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक और दोनों राष्ट्रों के नागरिकों के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनके सहयोग की सराहना की

कोलंबो. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और दोनों राष्ट्रों के बीच बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी के ‘‘विभिन्न पहलुओं’’ पर चर्चा की. मुरलीधरन ने श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी की ओर से विक्रमसिंघे को शुभकामना भी दी. मुरलीधरन श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हिंदुस्तान का अगुवाई करने के लिये कोलंबो की यात्रा पर हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोलंबो में श्रीलंका के राष्ट्रपति महामहिम रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात करके बहुत प्रसन्नता हुई. श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें पीएम मोदी जी की ओर से शुभकामना दी.” उन्होंने यह भी लिखा, ‘‘बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी के विविध पहलुओं पर चर्चा की.’’ इससे पहले मुरलीधरन ने श्रीलंका के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें अन्य विदेशी गणमान्य व्यक्तियों ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह मील का पत्थर दोनों राष्ट्रों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के साथ मेल खाता है. हिंदुस्तान हमेशा श्रीलंका का भरोसेमंद साथी और भरोसेमंद दोस्त रहा है.’’

मुरलीधरन ने श्रीलंका में भारतीय प्रवासियों के साथ भी वार्ता की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक और दोनों राष्ट्रों के नागरिकों के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनके सहयोग की सराहना की. उनकी किरदार आज और भी जरूरी हो गयी है जब श्रीलंका आर्थिक सुधार के रास्ते पर है.’’ भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) में सिंधी, बोराह, गुजराती, मेमन, पारसी, मलयाली और तेलुगु भाषी आदमी शामिल हैं, जो (अधिकांश विभाजन के बाद) श्रीलंका में बस गए हैं और विभिन्न व्यावसायिक उपक्रमों में लगे हुए हैं. कोलंबो में भारतीय मिशन के अनुसार, अनौपचारिक आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 14,000 प्रवासी भारतीय श्रीलंका में रह रहे हैं. मुरलीधरन ने कोलंबो के पवित्र गंगारामया मंदिर में महात्मा बुद्ध की पूजा अर्चना की. विदेश राज्य मंत्री ने हिंदुस्तान और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ सभ्यतागत संबंधों पर प्रकाश डाला, जिसमें बौद्ध धर्म का भी सहयोग है