चीन बना हुआ है अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती
भारत कनाडा टकराव पर एक समाचार फैली थी कि अमरिकी राजदूत एरिक गार्सोटी ने अपनी टीम को हिंदुस्तान अमेरिकी रिश्तों को लेकर चेतावनी जारी की थी। हालांकि बाद में अमेरिकी दूतावास ने इसे खारिज कर दिया इससे अलग, पेंटागन ने भी हिंदुस्तान के साथ मजबूत संबंध की प्रतिबद्धता दोहराई है। पेंटागन ने शुक्रवार को बोला कि संयुक्त राज्य अमेरिका हिंदुस्तान के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी को बढ़ावा देना जारी रखेगा।
‘रक्षा क्षेत्र में हिंदुस्तान से अमेरिका के संबंध मजबूत’
पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने कहा, हम रक्षा के क्षेत्र में हिंदुस्तान के साथ अपने संबंधों की बहुत सराहना करते हैं। हम हिंदुस्तान के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी को बढ़ावा देना जारी रखेंगे। मुझे लगता है कि आप हमें आगे भी ऐसा करते हुए देखेंगे। बता दें कि 1997 में हिंदुस्तान और अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार लगभग नगण्य था। आज यह 20 बिलियन अमेरिकी $ से अधिक है।
चीन बना हुआ है अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती
एक प्रश्न के उत्तर में राइडर ने बोला कि चीन रक्षा विभाग के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है। उन्होंने कहा, जब देशों की संप्रभुता को संरक्षित करने और अंतर्राष्ट्रीय नियम-आधारित आदेश का पालन करने की बात आती है, तो हिंदुस्तान ने कई सालों से शांति और स्थिरता को कायम रखा है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अन्य राष्ट्रों के साथ हमारी साझेदारी की सराहना करते हैं।
भारत के साथ संबंध पर नहीं पड़ेगा असर
एक रिपोर्ट में बोला गया था कि गार्सेटी ने अपनी टीम को ओटावा के साथ नयी दिल्ली के राजनयिक टकराव के भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चेतावनी दी थी। रिपोर्ट में बोला गया था कि गार्सेटी ने अपने राष्ट्र की टीम को कहा था कि कनाडा के साथ राजनयिक टकराव के कारण, हिंदुस्तान और अमेरिका के बीच संबंध कुछ समय के लिए खराब हो सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बोला था कि अमेरिका को कुछ अवधि के लिए भारतीय ऑफिसरों के साथ अपने संपर्क कम करने की जरूरत हो सकती है। दूतावास के प्रवक्ता ने बोला कि गार्सेटी अमेरिका और हिंदुस्तान के बीच मजबूत साझेदारी को और गहरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने हिंदुस्तान में अमेरिकी मिशन हिंदुस्तान के महत्वपूर्ण, रणनीतिक और परिणामी साझेदारी को आगे बढ़ाने के काम किया है।