CAA को लेकर अमेरिका ने दिया भारत को ज्ञान, रिपोर्ट में कही गई ये बात
रिपोर्ट में कही गई ये बात
रिपोर्ट में बोला गया कि इस कानून के विरोधियों ने चेतावनी दी है कि पीएम मोदी और उनकी हिंदू राष्ट्रवादी बीजेपी क हिंदू बहुसंख्यकवादी, मुसलमान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ा रही हैं, जिससे हिंदुस्तान को आधिकारिक रूप से धर्मनिरपेक्ष गणराज्य का दर्जा देने वाली छवि धूमिल होती है. साथ ही इससे अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंडों और दायित्वों का भी उल्लंघन होता है.
अल्पसंख्यकों के अधिकारों को खतरा
सीआरएस की तीन पन्नों वाली ‘इन फोकस’ रिपोर्ट में इल्जाम लगाया गया कि हिंदुस्तान गवर्नमेंट द्वारा नियोजित एनआरसी और सीएए कानून से से हिंदुस्तान के करीब 20 करोड़ मुसलमान अल्पसंख्यकों के अधिकारों को खतरा है. सीआरएस रिपोर्ट ने अमेरिकी संसद को कहा कि साल 2019 में अमेरिकी राजनयिक ने सीएए के प्रति चिंता व्यक्त की थी. हालांकि, इससे हिंदुस्तान और अमेरिका के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
मानवीय है उद्देश्य
भारत गवर्नमेंट और सीएए के अन्य समर्थकों ने दावा किया है कि इसका उद्देश्य पूरी तरह से मानवीय है. हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने सीएए के विरुद्ध की गई आलोचनाओं को खारिज करते हुए बोला कि इसे “वोटबैंक की राजनीति” का नाम नहीं देना चाहिए जबकि ये संकट में फंसे लोगों की सहायता के लिए एक ‘प्रशंसनीय पहल’ है.