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Brian Dorsey: 18 साल बाद जहरीला इंजेक्शन लगाकर दी गई मौत

Brian Dorsey death sentenced: लोकतांत्रिक राष्ट्रों में जब किसी गुनेहगार को न्यायालय (Court) द्वारा मृत्यु की सजा सुनाई जाती है तो वह संविधान के अनुसार राष्ट्रपति को दया याचिका पेश कर सकता है यहां बात अमेरिका के मिसौरी में 2006 में हुए उस डबल हत्या के गुनेहगार की जिसे बचाने के लिए 18 वर्ष में दर्जनों क्षमादान याचिकाएं लगाई गईं चर्च के पादरी से लेकर कारावास अफसरों तक ने उसके अच्छे आचरण का हवाला देते हुए उसकी मृत्यु की सजा को जीवन भर जेल में बदलने के लिए अदालतों के चक्कर काटे लेकिन लगातार मर्सी पिटीशन खारिज होने के बाद आखिरकार प्रकृति का न्याय हुआ और गुनेहगार डोर्सी को जहरीला इंजेक्शन लगाया गया और उसकी मृत्यु हो गई

कजिन की मृत-शरीर से संबंध बनाने का भी था आरोप

इस हेट स्टोरी में न केवल रिश्तों का हत्या हुआ बल्कि पूरी इन्सानियत ही शर्मसार हो गई थी वो वर्ष था 2006 जब ऑरोपी ब्रॉयन डोर्सी एक आम अमेरिकी की तरह खुशहाल जीवन जी रहा था अचानक फिर उसे नशे की लत लग जाती है अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए डोर्सी जुर्म की दुनिया के लोगों के संपर्क में आता है उस पर काफी ऋण बढ़ जाता है पैसों का तगादा करने वाले एक दिन उसके घर पहुंच जाते हैं उधारी न चुकाने पर उसे जान से मारने की धमकी दी जाती है तब वो ऐसा कदम उठा लेता है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी

डोर्सी अपना ऋण चुकाने के लिए अपनी कजिन के घर जाता है वो अपनी चचेरी बहन सारा और उसके पति बेंजामिन बोनी की मर्डर करके घर में रखा कैश और कीमती चीजें ले जाता है उस पर कजिन के मृतशरीर के साथ संबंध बनाने का भी इल्जाम लगता है वो चार वर्ष की भांजी को उसके पैरेंट्स के मृतशरीर के साथ बेडरूम में बंद कर देता है सबूत न मिलने की वजह से वह कुछ दिन पुलिस के राडार से बच जाता है सारा के पिता और बेंजामिन का परिवार डोर्सी पर संदेह जताते हुए उस पर इल्जाम लगाते हैं 2008 में उसके विरुद्ध कुछ पक्के सबूत मिलते हैं, इसके बाद वो कारावास पहुंच जाता है

18 वर्ष बाद मिली गुनाहों की सजा

कुछ घंटे पहले डोर्सी के वकील और अन्य जूरी की मौजूदगी में गुनेहगार को जहरीला इंजेक्शन लगाया जाता है फिर शाम 6 बजकर 11 मिनट पर चिकित्सक उसे मृत घोषित कर देते हैं सारा के परिजनों ने बोला भले ही उनकी चहेती सारा उनसे दूर चली गई लेकिन उन्हें इस बात का संतोष है कि आखिरकार उन्होंने उसे देर से ही ठीक लेकिन न्याय दिलाया

आखिरी नोट में डोर्सी ने क्या लिखा?

52 वर्षीय डोर्सी को उस समय के कानून के हिसाब से फांसी की सजा मिली थी उच्चतम न्यायालय के अंतिम मना और मिसीरौ के गवर्नर के याचिका ठुकरा देने के बाद नए पैटर्न के अनुसार डोर्सी को जहरीली सुई लगाई गई और मुद्दा समाप्त हो गया अपनी फांसी से पहले एक आखिरी लिखित बयान में, डोर्सी ने उन समर्थकों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी ओर से मृत्यु की सजा को जीवन भर जेल में बदलने की वकालत की और उसने अपने पीड़ितों के प्रियजनों से माफी मांगी

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